रोला छंद : नारी
नारी का सम्मान, बचाना धर्म हमारा,
सफल वही इंसान, लगे नारी को प्यारा।
जीवन का आधार, हमेशा नारी होती,
खुद को कर बलिदान, घर-परिवार संजोती।
नारी का अभिमान, प्रेममय उसका घर है,
नारी का सम्मान, जगत में उसका वर है।
नारी का बलिदान, मिटाकर खुद की हस्ती,
कर देती आबाद, सभी रिश्तों की बस्ती।
नारी को खुश रखो, नहीं तो पछताओगे,
पा नारी का प्रेम, जगत से तर जाओगे।
नारी है अनमोल, प्रेम सब इनसे कर लो,
नारी सुख की खान, खुशी जीवन में भर लो।