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Last Updated : बुधवार, 26 मई 2021 (11:55 IST)

Fact Check: क्या वैक्सीन लेने वालों की 2 साल में हो जाएगी मौत? जानिए ‘नोबेल विजेता’ के वायरल दावे का सच

Fact Check: क्या वैक्सीन लेने वालों की 2 साल में हो जाएगी मौत? जानिए ‘नोबेल विजेता’ के वायरल दावे का सच - Nobel laureate said all vaccinated people will die within 2 years, fact check
कोरोना वायरस को हराने के लिए देश भर में वैक्सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है। वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर कुछ लोग वैक्सीनेशन को लेकर अफवाह फैलाने में जुटे हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की 2 साल के अंदर मौत हो जाएगी। हालांकि, भारत सरकार की संस्था PIB ने इस दावे को सिरे से नकार दिया है।

क्या है वायरल पोस्ट में-

सोशल मीडिया पर नोबल विजेता और फ्रेंच वायरोलॉजिस्ट ल्यूक मॉन्टेनियर के हवाले से एक खबर शेयर की जा रही है। वायरल मैसेज में लिखा है- ‘वैक्सीन लगवाने वाले सभी लोग दो साल के अंदर मर जाएंगे। नोबेल विजेता ल्यूक मॉन्टेनियर ने पुष्टि की है कि जिन लोगों को वैक्सीन दी गई है, उनके बचने की कोई संभावना नहीं है। चौंकाने वाले साक्षात्कार में, दुनिया के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट ने स्पष्ट रूप से कहा- उन लोगों के लिए कोई उम्मीद नहीं है, और जिनको पहले से ही टीका लगाया गया है, उनके लिए कोई संभावित इलाज नहीं है। हमें शवों को दफनाने के लिए तैयार रहना चाहिए।’

वायरल मैसेज में मौत का कारण भी बताया गया है। मैसेज में आगे लिखा गया है कि ‘वैक्सीन के घटकों का अध्ययन करने के बाद अन्य प्रमुख वायरोलॉजिस्टों ने वैज्ञानिक के दावों का समर्थन किया। वे सभी एंटीबॉडी निर्भर वृद्धि से मर जाएंगे।’

क्या है सच-

PIB ने वायरल मैसेज का फैक्टचेक किया है और ट्विटर पर लोगों को इस फेक मैसेज के बारे में जानकारी दी है। PIB ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है कि यह इमेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें नोबेल विजेता का हवाला देकर दावा किया जा रहा है। कोरोना टीकाकरण के दो साल के भीतर मौत का दावा फर्जी है। कोरोना टीका पूरी तरह सुरक्षित है। इस इमेज को फॉरवर्ड ना करें।

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