Vastu Shastra for wall color : वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के भीतर की दिशाओं की दीवारों पर किया गया रंग बहुत महत्वपूर्ण होता है। किसी दिशा में कौनसा रंग किया गया है इससे सेहत और मन पर प्रभाव पड़ता है साथ ही यह भविष्य को भी प्रभावित करता है। अच्छी और बुरी घटना एवं दुर्घटनाओं को भी यह आकर्षित करता है। इसलिए यह जरूर जाने की दीवारों पर कौनसा रंग होना चाहिए।
नोट : काला, कत्थई, भूरा, मटमेला, डार्क लाल, कॉफी कलर, बैंगनी और जामुनी रंग का उपयोग न करें। इसी के साथ ही आग्नेय कोण, दक्षिण भाग और नैऋत्य कोण में किसी भी रंग का चयन करने से पहले एक बार किसी वास्तु शास्त्री से जरूर सलाह लें।
1. उत्तर : उत्तर की दीवार या दिशा में हरे रंग का उपयोग करते हैं। यहां पीला और लाल रंग का उपयोग नहीं करें।
2. पूर्व : ऑफ वाइट या सफेद रंग का उपयोग कर सकते हैं। मिल्की वाइट, पीला, लाल, ग्रे रंग का उपयोग नहीं करें।
3. दक्षिण : दक्षिण दिशा की दीवार पर पीला या ऑफ वाइट रंग का उपयोग कर सकते हैं।
4. पश्चिम : पश्चिम दिशा की दीवार को नीले रंग का रखना उत्तम माना जाता है। हरा और ला रंग नहीं कराएं।
5. ईशान कोण : ईशान कोण की दिशा को उत्तर पूर्व कहते हैं इस भाग में पीला रंग या हल्का नारंगी करवाना चाहिए.
6. आग्नेय कोण : बादामी या गुलाबी रंग से दीवार को रंगा जा सकता है। ऑफ वाइट या ऑरेंज भी कर सकते हैं।
7. नैऋत्य कोण : नैऋत्य अर्थात दक्षिण पश्चिम दिशा के भाग के लिए हरा व ग्रे रंग सुझाया गया है।
8. वायव्य कोण : वायव्य कोण उत्तर पश्चिम दिशा कहलाती है जहां के लिए सफेद व आसमानी रंग वास्तु सम्मत होता है।
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