बुधवार, 4 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. वेबदुनिया विशेष 2011
  4. »
  5. वेलेंटाइन डे
Written By WD

आई लव मी...

विशाल मिश्रा

आई लव मी... -
ND
ND
आई लव मी.. चौंक गए न! कि आई लव के साथ 'मी' कुछ लिखने में गलती हो गई या जम नहीं रहा है। लेकिन जरा सोचिए माता-पिता, भाई-बहन, गर्लफ्रेंड, गॉड, देश आदि-आदि अपने परिजन सभी से लोग प्रेम करते हैं या उनके प्रेम के दायरे में ये सभी होते हैं।

कभी खुद से प्यार करने के बारे में सोचा। ेलेंटाइन डे या तो लड़का-लड़की के प्यार का किस्सा बना होगा या वह प्यार किसी के लिए भूतकाल की चीज हो गई होगी। प्रिय, प्रियतमा, जान, जानू, डियर, डियरेस्ट, माय लवेस्ट आदि ने बेवफा, धोखेबाज आदि की‍ संज्ञा ले ली होगी।

लेकिन क्या कभी खुद से प्यार किया है। जनाब करना तो दूर कभी सोचा भी नहीं होगा इस बारे में। जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक। जहाँ से आपकी ज़िंदगी का सफर शुरू होता है वह हैं सबसे पहले आप। इसलिए जो व्यक्ति स्वयं से प्यार नहीं करता, खुद के पास कोई चीज नहीं होगी तो वह कैसे दूसरे को देगा।

यदि आप किसी अन्य को कोई भी वस्तु दे रहे हैं या देना चाहें तो पहले आपके पास तो होना जरूरी है। आपके पास ही नहीं है तो देने का सोच भी सकते हैं नहीं न! सबसे बड़ी बात है इस प्यार में आपको किसी को प्रपोज भी नहीं करना है और न का तो सवाल ही नहीं उठता।

यदि आप चाहते हैं कि आपको कोई प्यार करे तो आपमें कुछ तो बात ऐसी होना चाहिए न। इस वेलेंटाइन डे से शुरुआत यहीं से की जाए, खुद से प्यार किया जाए। किसी के नखरों को सहन करने की भी जरूरत नहीं।

जैसे सुबह उठकर आईना देख लेते हैं। बाल जमा लिए, नाक नक्श निहार लिया, हाथ-पाँव ऊपर नीचे करके, सीना फुलाकर देख लिया और ऐसा दिन में कई बार करते होंगे। जहाँ काँच दिखा शुरू। कहीं से उन्नीसे तो नहीं हैं। अपने कॉम्पीटीटर से या स्मार्ट दिख तो रहे हैं। यार-दोस्तों का माहौल मिला। वजन कम करने के लिए हो रहे प्रयासों का बखान शुरू।

कुछ ऐसे ही मामलों में लड़कियों का आज के ड्रेस पर कॉलेज के लड़कों की निगाह तो जाएगी। कॉम्प्लिमेंट्‍स मिलेंगे या नहीं। ब्यूटी पार्लर की कुर्सी पर विराजे ही इसलिए हैं ताकि आपको तैयार करने मैम आपको तरह-तरह के टिप्स दें। 2-4 एल्बम दिखाएँ या कंप्यूटर पर हेयर स्टाइल आदि बताकर आपको भीड़ से अलग रखने का वादा कर सकें।

अब आप सोच रहे होंगे कि इससे फायदा क्या? या इससे क्या होगा? बेसिर-पैर का कॉनसेप्ट। यारों खुद से प्यार करके देखो दुनिया तुमसे प्यार करेगी।

जो अपने आप से प्यार कर सकता है। ऐसा कोई निरीह प्राणी सृष्टि में नहीं मिलेगा जिसको वह प्यार ना कर सके और यदि आपमें यह गुण आ गया तो आप भी इस प्यार से अछूते नहीं रहेंगे कि कोई व्यक्ति आपके बारे में नकारात्मक कहे। इस बात का मैं वादा तो नहीं करता हाँ लेकिन दावा जरूर कर सकता हूँ।

कहते हैं न सुंदरता तो देखने वाले की निगाहों में होती है तो हमें जरूरत है केवल निगाहों को सुंदर बनाने की, ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में हर चीज सुंदर नजर आएगी। तो दोस्तों तैयार हो जाइए और इसके लिए आपको किसी वेलेंटाइन डे या 14 फरवरी की राह देखने की भी जरूरत नहीं। जिस दिन, जिस घड़ी से अच्छा लगे वही सही समय और दिन है और यदि वेलेंटाइन डे से लगाव हो तो वह दिन भी सही।

इसका विरोध चाहकर भी कोई भारत का कथित तौर पर सांस्कृतिक दल नहीं कर सकेगा। हैप्पी वेलेंटाइन डे।