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Last Updated : गुरुवार, 13 जनवरी 2022 (22:51 IST)

हरीश रावत ने शुरू की विधानसभा वार वर्चुअल सभाएं, कई नए वादे भी किए

हरीश रावत ने शुरू की विधानसभा वार वर्चुअल सभाएं, कई नए वादे भी किए - Harish Rawat started assembly wise virtual meetings
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत दिल्ली में पार्टी कार्यों में व्यस्तता के बावजूद वर्चुअल माध्यम से विधानसभा वार वर्चुअल सभा करने में भी लगे हुए हैं। मंगलवार को जहां जसपुर विधानसभा में हरीश रावत ने वर्चुअल सभा की, वहीं बुधवार को जागेश्वर विधानसभा के लोगों से वर्चुअल बातचीत की।


जागेश्वर में उन्होंने अपना पुराना भावनात्मक रिश्ता जोड़ा। उन्होंने अपने कार्यकाल में किए गए कार्यों को गिनाया। साथ ही आगामी योजनाओं पर भी चर्चा की। कुछ वादे भी किए और कांग्रेस को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि ज्योतिर्लिंग में जागेश्वर धाम भगवान शिव का धाम, वहीं मां बानड़ी देवी जी का मंदिर भी यहां विराजमान है।

उन्‍होंने भगवान शिव को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस का भी यह क्षेत्र मायका है। आजादी के आंदोलन में भी यहां के लोगों का अभूतपूर्व योगदान रहा है।उन्होंने मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के नाम पर एक पर्वतीय शिल्प संस्थान की स्वीकृति कर 100 करोड़ रुपए स्वीकृत करने के बाद भी उनके सत्ता से बाहर होने पर इसको भाजपा सरकार द्वारा भटकाने का आरोप भाजपा पर मढ़ा। हरीश ने कहा कि ऋषिकेश व जागेश्वर में योगा महोत्सव उन्होंने शुरू कराए जिनको जागेश्वर में उसके बाद की सरकार ने रोक दिया।

उन्होंने कहा कि हमने इसमें 3 नई पेंशन प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। पहली कुड़ी-बाड़ी पेंशन योजना जो 40 वर्ष से ऊपर के उन लोगों को मिलेगी, जो दूरदराज के गांवों को आबाद किए हुए हैं। दूसरी पेंशन योजना उन श्रमिकों के लिए है जो पुल, सड़क और दूसरे निर्माण कामों में लगे हुए हैं। तीसरी पेंशन योजना हमारे मंगल गीत गाने वाली बहनों के लिए है। हम मांगलिक गीतों के समूहों से जो महिलाएं संबद्ध हैं उन सबको पेंशन योजना के अंतर्गत लाएंगे।

गुरुवार को उन्होंने विधानसभा कपकोट की सम्मानित जनता जनार्दन/ मतदाताओं को सम्बोधित किया।कपकोट में उन्होंने अपना पुराना भावनात्मक रिश्ता जोड़ते हुए अपने कई दिवंगत साथियों को भी याद किया और कहा कि चंद्र सिंह शाही कांग्रेस के स्तम्भ थे, कपकोट का नाम लेते ही नैथाणा गांव की याद आ जाती है, हमारी परंपरागत संस्कृति नैथाणा के घरों में वास करती है। कैप्टन शाही साहब, चंद्र सिंह शाही जिन्होंने श्रमदान से बागेश्वर से कपकोट को जोड़ने वाली सड़क दी थी।

बहुत से ऐसे कर्मवीर कपकोट की कर्मभूमि से हैं, कैसे चंदे से स्कूल खड़ा कर देते थे।उन्होंने कहा कि यहां मां कलिंगा भी वास करती है, उनका आशीर्वाद भी है। ललित फर्सवाण व हरीश नैथानी की जमकर तारीफ करते हुए हरीश रावत ने कहा कि आज हर तरफ सड़क बन गई है, ये सब ललित फर्सवाण व हरीश नैथानी की मेहनत है व जोश है।हमने युवा जोश व अनुभवी बुज़र्गों का तकनीक के साथ समावेश किया है।

हमारी सरकार के समय ललित फर्सवाण ने अनेकों कार्य कपकोट की जनता के लिए किए हैं। यहां डिग्री कॉलेज, तहसील, अनेकों संस्थाए जो हैं, उससे ये सब गर्व से कह सकते हैं, जितने डिग्री कॉलेज हमारी विधानसभा में हैं, उतने किसी विधानसभा में नहीं हैं। यहां शामा की प्रसिद्ध नारंगी जो विलुप्त हो रही है उसको भी हम एक नया आयाम देकर पुनः प्रसिद्ध करेंगे।

आज कपकोट से रामनगर तक फुर से पहुंच जाते हैं, उसका श्रेय भी ललित फर्सवाण व हरीश नैथानी को देता हूं, जिन्‍होंने कपकोट की जनता को समस्या विहीन सड़क दी।इस बीच महंगाई पर भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार को घेरने से वे नहीं चूके।
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