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Last Updated : सोमवार, 10 अक्टूबर 2022 (00:15 IST)

Weather Updates : यूपी में भारी बारिश से हाहाकार, लखनऊ और कानपुर सहित इन जिलों में बंद रहेंगे स्कूल

Weather Updates : यूपी में भारी बारिश से हाहाकार, लखनऊ और कानपुर सहित इन जिलों में बंद रहेंगे स्कूल - up weather update heavy rain wreaks havoc  all schools up to class 12 will remain closed in in these districts
लखनऊ। उत्तरप्रदेश में बीते 3-4 दिनों से हो रही बारिश कहर बरपा रही है। बारिश के चलते सड़कों और गलियों में हुए जलभराव के कारण लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है। रुक-रुक कर हो रही बारिश से कई जगह पेड़ और दीवारें भी गिर गई हैं। बुलंदशहर में बारिश के चलते गिरी दीवार के नीचे दबकर एक बच्चे की मौत हो गई। बारिश से नदी-नालों में उफान आ गया है।

उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत सीतापुर, आगरा, बरेली, संभल, मथुरा, बिजनौर, बलरामपुर, अलीगढ़, अमरोहा, बदायूं, मेरठ, एटा, इटावा, बहराइच जिले में स्कूलों को बंद रखने का निर्देश जारी कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने आज भी बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है। 
लखनऊ में स्कूल बंद : राजधानी लखनऊ में भारी बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन ने सोमवार को 12 वीं कक्षा तक के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल को बंद करने का फैसला किया है। भारी बारिश तथा मौसम विभाग द्वारा 10 अक्टूबर के लिए जारी चेतावनी को देखते हुए सभी बोर्ड के कक्षा 12 तक के शहरी एवं एवं ग्रामीण क्षेत्रों के समस्त सरकारी और निजी विद्यालयों में सोमवार को अवकाश घोषित किया गया है।
 
आगर में 2 दिन स्कूल बंद : आगरा में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए दो दिन स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। इसको लेकर रविवार को जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) ने आदेश जारी कर दिया है।
 
आदेश का पालन न करने वाले स्कूलों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। मौसम विभाग ने 11 अक्टूबर तक तेज गति बारिश होने की संभावना जताई है। ऐसे में डीआईओएस मनोज कुमार ने 10 व 11 अक्टूबर को नर्सरी से लेकर 12वीं तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है।

अलीगढ़ में 12 अक्टूबर तक बंद : अलीगढ़ में पिछले 24 घंटों से हो रही भारी बारिश के कारण जिले के 12वीं कक्षा तक के सभी स्‍कूल 12 अक्टूबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। रविवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार जिलाधिकारी इंद्रवीर सिंह ने 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को 12 अक्टूबर तक बंद करा दिया।
 
6 लोगों की मौत : आकाशीय बिजली और अत्यधिक बारिश से हुए हादसों में हरदोई, सीतापुर, बुलंदशहर और गाजियाबाद में महिला और बच्‍चों समेत 6 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

भारी बारिश से फसलों को नुकसान : मानसून के मौसम में सूखे के हालात और पिछले महीने शुरू हुआ बेमौसम बारिश का सिलसिला उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए आफत लेकर आया है। गलत समय पर हो रही बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है और उनके सामने अनिश्चितता का अंधकार छा गया है।
पिछले हफ्ते अधिक बारिश : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, “उत्तर प्रदेश के 75 में से 67 जिलों में पिछले हफ्ते अत्यधिक वर्षा हुई है। मॉनसून के मौसम यानी जून-जुलाई में बारिश लगभग न के बराबर होने से फसल चक्र पहले से ही अव्यवस्थित हो गया था और अब सितंबर-अक्टूबर में अत्यधिक बारिश के कारण रही-सही फसलें भी बर्बाद होने से किसान और भी ज्यादा परेशान हो गए हैं।”
 
हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सूखा और बाढ़ से प्रभावित किसानों को राहत देने के संबंध में कुछ निर्देश जारी किए हैं, लेकिन कई काश्तकारों का मानना है कि यह राहत देर से आने वाली नाकाफी मदद साबित हो सकती है।
 
अक्टूबर में बाढ़ : सितंबर और अक्टूबर में बेमौसम बारिश की वजह से जहां क‍ई शहरी इलाकों में लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा है, वहीं सबसे ज्यादा चोट किसानों को पहुंची है। बारिश के कारण लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूब गई है, जिससे धान, मक्का और आलू की फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, बाजरा और उड़द की फसलों पर भी बुरा असर पड़ा है।
 
सड़ गई फसलें : इटावा के आलू उत्पादक किसान सुरेंद्र पाठक ने कहा कि हमने सितंबर के अंत में आलू की जल्द बोई जाने वाली प्रजाति की बुवाई की थी, लेकिन भारी बारिश के कारण सात हेक्टेयर क्षेत्र में लगी हमारी आलू की फसल पर बुरा असर पड़ा है।  पाठक ने कहा, “खेतों में पानी भर गया है, जिसकी वजह से आलू के कंद सड़ गए हैं। अगर ऐसे ही बारिश जारी रही तो आलू की बाद वाली प्रजाति की बुवाई करना मुश्किल हो जाएगा। इटावा में अक्टूबर के पहले सप्ताह में 81 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की गई, जो दीर्घकालिक औसत (एलपीए) यानी 8.3 मिलीमीटर से 876 फीसदी ज्यादा है।
 
गोंडा में इसी अवधि में 248.6 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई, जो एलपीए यानी 25.3 मिलीमीटर से 883 प्रतिशत अधिक है। गोंडा के सीमांत किसान प्रभात कुमार बारिश के मौजूदा दौर को देखते हुए अपनी धान की फसल को लेकर परेशान हैं।
 
वह अपनी व्यथा बताते हुए कहते हैं कि पिछले दिनों भारी बारिश की वजह से मेरी धान की खड़ी फसल लेट गई। मुझे डर है कि मेरी आधी फसल बर्बाद हो चुकी है और अगर आने वाले दिनों में मौसम साफ नहीं हुआ तो रही-सही फसल भी नष्ट हो जाएगी।
 
अजीबोगरीब हालात : प्रदेश में बारिश के मौजूदा दौर से हालात अजीबोगरीब हो गए हैं। प्रदेश सरकार राज्य में पिछले महीने की शुरुआत तक जहां मानसून में बारिश न होने से फसलों को हुए नुकसान के आंकड़े जुटा रही थी, वहीं अब अत्यधिक बारिश से हो रहे नुकसान का डेटा इकट्ठा किया जा रहा है।

आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तरप्रदेश में 1  जून से 30 सितंबर तक मानसून सत्र में लगभग 30 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई थी। राज्य के 75 जिलों में से 53 में औसत से कम वर्षा के कारण खरीफ की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था।
 
कोरोना महामारी से बुरा दौर : शाहजहांपुर जिले के किसान प्रीतम पाल सिंह कहते हैं कि मेरे लिए यह अब तक का सबसे दयनीय दौर साबित हो रहा है। यह दौर तो कोरोना महामारी से भी ज्यादा बुरा है। इस बार कम बारिश होने की वजह से मैं धान की आधी फसल ही बो पाया था। अब बेमौसम भारी बारिश की वजह से उस पर भी खतरा मंडरा रहा है।  उन्होंने कहा कि इस साल लगभग सभी किसान कमजोर मानसून का शिकार हुए हैं। लघु और सीमांत किसानों पर सबसे ज्यादा चोट हुई है। सरकार को उनकी मदद के लिए कुछ सार्थक कदम उठाने चाहिए। 
इनपुट भाषा Edited by Sudhir Sharma
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