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Written By अवनीश कुमार
Last Updated : सोमवार, 30 मार्च 2020 (15:27 IST)

एकता की मिसाल बना बुलंदशहर का साठा गांव

Antima Sanskar | एकता की मिसाल बना बुलंदशहर का साठा गांव
लखनऊ। भारत में कोरोना वायरस की महामारी से जहां एकजुट होकर पूरा भारत लड़ रहा है तो वहीं आज उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में जाति व धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत देखने को मिली है जिसकी चर्चा आज पूरे प्रदेश में हो रही है। सभी इस मिसाल को नमन करते हुए नजर आ रहे हैं।
 
गांव वालों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर के आनंद विहार साठा निवासी रविशंकर कैंसर से पीड़ित थे और जिनका इलाज के दौरान निधन हो गया। इसके बाद गरीबी झेल रहे इस परिवार के सामने अंतिम संस्कार करने को लेकर दिक्कतें आने लगीं तो रविशंकर के बेटे ने अपने सभी रिश्तेदारों को फोन कर आने के लिए कहा और मदद मांगी है। लेकिन सभी रिश्तेदारों ने कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन होने के कारण असमर्थता व्यक्त की।
 
इसको लेकर मृतक रविशंकर का परिवार बहुत परेशान हो गया। लेकिन इसकी जानकारी गांव के ग्राम प्रधान अफरोज बेगम के बेटे जाहिद अली को हुई तो वे मृतक रवि शंकर के घर पहुंचे और मृतक के बेटे से कहा कि परेशान मत हो, हम सब तुम्हारी मदद करेंगे और फिर ग्राम प्रधान के बेटे ने अन्य लोगों को भी एकत्रित किया।
सभी को एकत्रित करने के बाद सबसे खास बात यह थी कि लगभग 1 दर्जन मुस्लिम भाई एकत्रित हुए। पहले असमंजस देखने को मिल रहा था लेकिन फिर फैसला लिया गया कि रविशंकर का अंतिम संस्कार हिन्दू रिवाजों से होगा। इसके बाद बाबू खां, जाहिद अली प्रधान, मोहम्मद इकराम आदि लोगों ने अर्थी को कंधा दिया और शव को काली नदी श्मशान घाट ले जाकर उसका अंतिम संस्कार भी कराया।
 
लेकिन सबसे खास बात यह देखने को मिली कि जब रवि शंकर की अंतिम यात्रा निकाली जा रही थी तो मुसलमान युवक 'राम नाम सत्य है...' भी कह रहे थे और श्मशान में भी पूरे रीति-रिवाजों के साथ ही रवि का अंतिम संस्कार करने के दौरान रवि शंकर के बेटों के साथ पूरे समय मौजूद रहे।
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