Work From Home Culture से सतर्क रहें युवा: नारायण मूर्ति
- ईशु शर्मा
भारत में लगभग हर इंसान ने एनआर नारायण मूर्ति (N.R. Narayana Murti) का नाम तो सुना ही होगा जिसने देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी इनफ़ोसिस (infosys) की स्थापना की है और वो करीब 38 हज़ार करोड़ की संपत्ति के मालिक भी हैं। इनफ़ोसिस के साथ नारायण मूर्ति देश के प्रसिद्ध लोगों में से एक है जो टेक्नोलॉजी, व्यापार और फाइनेंस से जुड़े कई गंभीर मुद्दों पर बात करते हैं। इन मुद्दों के साथ ही नारायण मूर्ति ने आज के युवाओं को अपने करियर के शुरुआती चरणों में सजग रहने की सलाह दी है।
हाल ही में दिल्ली में विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित एशिया आर्थिक संवाद (Asia Economic Dialogue) में नारायण मूर्ति ने कहा कि "आज के युवा मूनलाइटिंग (moonlighting) जैसे कांसेप्ट (concept) में शामिल न हों और न ही उन्हें वर्क फ्रॉम होम कल्चर (work from home culture) की आदत डालनी चाहिए।"
नारायण मूर्ति इस कांसेप्ट (concept) को एक जाल की तरह मानते हैं और उन्होंने युवाओं को चेतावनी भी दी है कि वो हफ्ते में 3 दिन ऑफिस वाली आदतों को भी न अपनाएं।
आपको बता दें कि इनफ़ोसिस कंपनी (Infosys company) शुरुआत से ही मूनलाइटिंग कांसेप्ट (moonlighting concept) के खिलाफ रही है और इनफ़ोसिस ऐसा करने वाले कई कर्मचारियों को निकाल भी चुकी है। हालांकि कंपनी ने यह घोषणा भी की है कि जो भी कर्मचारी अधिक पैसे कमाने के लिए फ्रीलांसिंग (freelancing) करना चाहते हैं उन्हें पहले अपने सीनियर मैनेजर से अनुमति लेनी होगी और वो अपने पर्सनल टाइम में ही फ्रीलांसिंग कर सकते हैं। इसके साथ ही कोई भी फ्रीलांसिंग काम कंपनी के क्लाइंट के साथ नहीं होगा और कंपनी को कम्पटीशन देने के लिए नहीं होगा।
क्या है Moonlighting Concept?
मूनलाइटिंग कांसेप्ट (moonlighting concept) का मतलब है कि एक फुल टाइम एम्प्लोयी (full-time employee) अपनी जॉब के बाद दूसरी जॉब करे वो भी अपनी कंपनी के सीनियर मैनेजर की बिना अनुमति के। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो एक साथ 2 कंपनी में काम करने के कांसेप्ट को मूनलाइटिंग कहा जाता है। ये कांसेप्ट अमेरिका में काफी प्रचलित है पर कोरोना काल के बाद भारत में भी इसका चलन बढ़ता जा रहा है।
आपको बता दें की भारत में फैक्ट्री एक्ट, 1948 के सेक्शन 60 के अंतर्गत एम्प्लोयी (employee) एक साथ दो जॉब नहीं कर सकता पर इस नियम में आईटी सेक्टर शामिल नहीं है इसलिए आईटी कंपनियों को निजी स्तर पर ये नियम लागू करना पड़ता है।