New Income Tax Bill : आयकर अधिनियम 1961 का स्थान लेने वाला आयकर विधेयक 2025 आज संसद में पेश हो रहा है। 622 पन्नों के इस बिल का उद्देश्य आम आदमी के लिए इनकम टैक्स कानूनों को आसान बनाना है। इस बिल में 536 धाराएं और 16 शेड्यूल हैं। इससे टैक्स से जुड़े मुकदमे भी कम होने की उम्मीद है। इससे जुड़े बिल को पिछले हफ्ते कैबिनेट ने मंजूरी दी थी।
क्यों आया नया इनकम टैक्स बिल : मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में अब तक 66 बजट (दो अंतरिम बजट सहित) के बाद कई बदलाव हो चुके हैं। इसके कई प्रावधान अब खत्म हो चुके हैं। नया कानून 1 अप्रैल, 2026 से लागू होगा जो 64 साल पुराने कानून की जगह लेगा। पुराने बिल में 298 धाराएं और 14 शेड्यूल थे।
नए इनकम टैक्स बिल से जुड़ी 10 खास बातें :
1. आयकर विधेयक, 2025 में सरल भाषा का उपयोग किया गया है, अनावश्यक प्रावधानों को हटाया गया है, छोटे वाक्यों का उपयोग किया गया है।
2. विधेयक में कोई नया कर नहीं है। इसमें सिर्फ आयकर अधिनियम, 1961 में प्रदत्त कर-देयता प्रावधानों को एक साथ रखा गया है।
3. इसमें मात्र 622 पृष्ठों में 536 धाराएं, 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां हैं। जबकि 1961 के अधिनियम में 298 धाराएं, 23 अध्याय और 14 अनुसूचियां थीं।
4. इसमें व्यक्तियों, हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) और अन्य के लिए पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था दोनों शामिल हैं।
5. नए विधेयक में कर वर्ष का उपयोग किया है। इसमें पूर्व वर्ष और आकलन वर्ष जैसे जटिल शब्दों को हटाया गया है।
6.स्पष्टीकरण या शर्त का उल्लेख नहीं किया गया है, इसके बजाय तालिकाओं और सूत्रों का उपयोग किया गया है।
7. विधेयक में करदाता चार्टर शामिल किया गया है, जो करदाताओं के अधिकारों और दायित्वों को बताएगा।
8. विधेयक में बाजार से जुड़े डिबेंचर के मामले में पूंजीगत लाभ की गणना के लिए विशेष प्रावधान किया गया है।
9. नियमों को सरल बनाने के मकसद से कुल आय का हिस्सा न बनने वाली आय को अनुसूचियों में स्थानांतरित किया गया है।
10. वेतन से कटौतियां जैसे मानक कटौती, ग्रेच्युटी, अवकाश न लेने के बाद नकद भुगतान आदि को अलग-अलग अनुभागों/नियमों में रखे जाने के बजाय एक ही स्थान पर सारणीबद्ध किया गया है।
क्या होगा बदलाव : नए बिल में ईयर का कॉन्सेप्ट जोड़ा गया है। इससे असेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर का भ्रम दूर हो जाएगा। डिजिटल असेट्स को भी बुलियन और गहनों की तरह अघोषित आय में रखा जाएगा। नए इनकम टैक्स में आय के मद 5 से बढ़कर 6 हो गए हैं। इसमें ऑनलाइन माध्यम से होने वाली आय भी शामिल है। नए बिल के लागू होने के बाद नौकरीपेशा टैक्सपेयर डिजिटल प्रूफ भी दे सकेंगे।
नए इनकम टैक्स बिल में कारोबारियों के लिए भी कई सुविधाएं हैं। असेसमेंट एआई आधारित होंगे। यह बैंक अकाउंट और इनकम टैक्स से लिंक होंगे। जीएसटी फाइलिंग और आईटी रिटर्न की रियल टाइम प्रोसेसिंग होगी। हालांकि कारोबार में फ्राड, इनसाइडर ट्रैडिंग पर अब छूट नहीं मिलेगी। ऑडिट के लिए कारोबारियों को बैंकों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। डिजिटल टैक्स ऑडिट से समय बचेगा। इनकम टैक्स रैड में भी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और डिजिटल प्रूफ को वर्चुअली सीज किया जा सकेगा।
क्या है दंडात्मक प्रावधान : नए इनकम टैक्स बिल में टैक्स चोरी पर 200 फीसदी जुर्माने का प्रावधान है। इसमें 50 लाख से ज्यादा टैक्स चोरी पर जेल की सजा का भी प्रावधान है। 6 माह की देरी पर कंपनियों को 5 लाख और पर्सनल इनकम टैक्स पेयर्स पर 5 लाख का जुर्माना लगेगा। साथ ही आपराधिक प्रकरण भी दर्ज होगा। 2 लाख से ज्यादा नकद लेन देन पर 100 फीसदी पेनल्टी।
edited by : Nrapendra Gupta