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Last Updated : शुक्रवार, 19 मार्च 2021 (19:19 IST)

खुशखबर, अब गांवों में 10 रुपए में मिलेगा LED बल्ब

खुशखबर, अब गांवों में 10 रुपए में मिलेगा LED बल्ब - LED bulb for villagers in 10 rs
नई दिल्ली। बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने गांवों में सस्ती दर पर उच्च गुणवत्ता के एलईडी बल्ब उपलब्ध कराने की योजना ग्राम उजाला कार्यक्रम की शुरुआत शुक्रवार को की।
 
कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि. (EESL) की अनुषंगी इकाई कनवर्जेन्स एनर्जी सर्विसेज लि. (CSEL) गांवो में 10 रुपए प्रति बल्ब की दर से ग्रामीण परिवारों को LED बल्ब उपलब्ध कराएगी।
 
CSEL ने एक बयान में कहा कि कार्यक्रम के तहत पहले चरण में 5 राज्यों के गांवों में सस्ती दर पर LED बल्ब उपलब्ध कराये जाएंगे। इस चरण में 1.5 करोड़ एलईडी बल्ब आरा (बिहार), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश), नागपुर (महाराष्ट्र) और पश्चिमी गुजरात के गांवों में ग्रामीण परिवारों को दिए जाएंगे।
 
कार्यक्रम का वित्त पोषण पूरी तरह से कार्बन क्रेडिट के माध्यम से किया जाएगा और इस तरह का यह भारत का पहला कार्यक्रम है। सिंह ने डिजिटल तरीके से बिहार के आरा जिले से इस योजना की शुरूआत की।
 
इस मौके पर मंत्री ने कहा, ‘यह हमारे लिये काफी खुशी का पल है कि हम गांवों में रहने वाले अपने लोगों को सस्ती दर और उच्च गुणवत्ता के एलईडी बल्ब उपलब्ध कराने का समाधान तलाशने में कामयाब हुए हैं। देश के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में सीईएसएल ने जो अथक कार्य किया है, मैं उसके लिये उसकी सराहना करता हूं। मुझे भरोसा है कि यह प्रतिबद्धता और प्रयास देश के सभी गांवों में देखने को मिलेगा।‘
 
इस कार्यक्रम के तहत 3 साल की वारंटी के साथ सात वाट और 12 वाट के एलईडी बल्ब ग्रामीण परिवारों को दिये जाएंगे। ये बल्ब पुराने परंपरागत बल्बों (इनकैनडेससेंट बल्ब) जमा करने पर दिए जाएंगे।
 
फिलहाल ग्राम उजाला कार्यक्रम का क्रियान्वयन केवल 5 जिलों के गांवों में होगा। इसके तहत ग्राहक अधिकतम पांच एलईडी बल्ब पंपरागत बल्ब देकर ले सकते हैं। इन ग्रामीण परिवारों के यहां मीटर भी लगा होगा।
 
बयान के अनुसार इस कार्यक्रम का भारत के जलवायु परिवर्तन को लेकर जारी कार्रवाई पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ेगा। इससे 202.5 करोड़ यूनिट (किलोवाट प्रति घटा) सालाना बिजली की बचत होगी जबकि कार्बन उत्सर्जन में 16.5 लाख टन सालाना की कमी भी आएगी।
 
बयान के अनुसार इससे घरों में सस्ती दर पर बेहतर रोशनी मिलेगी। कुल मिलाकर इससे लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा, वित्तीय बचत होगी, आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और गांवों में लोगों की सुरक्षा बढ़ेगी।
 
केंद्रीय बिजली सचिव आलोक कुमार ने कहा कि कार्बन क्रेडिट का उपयोग कर नवोन्मेषी मॉडल पर आधारित यह काफी महत्वपूर्ण पहल है।
 
उन्होंने कहा, ‘ग्राम उजाला न केवल ऊर्जा दक्षता बढ़ाकर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ हमारी लड़ाई को गति देगा बल्कि लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने, वित्तीय बचत और गांवों में लोगों की सुरक्षा के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है।
 
ईईएसएल के कार्यकारी उपाध्यक्ष सौरभ कुमार ने कहा कि उजाला कार्यक्रम हर गांव तक नहीं पहुंच पाया क्योंकि ग्रामीण उपभोक्ता एक एलईडी बल्ब के लिये 70 रुपये देने में असमर्थ थे।
 
उन्होंने कहा, ‘ग्रामण उजाला योजना के साथ, हम ग्राहकों से परंपरागत बल्ब लेंगे और उन्हें उसके बदले 10 रुपये कीमत पर उच्च गुणवत्ता के एलईडी बल्ब उपलब्ध कराएंगे।‘ (भाषा) 
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