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आप बन्दा नवाज़ क्या जानें
मेरे दिल को किया बेख़ुद तेरी अंखयाँ ने आख़िर कूँ के जूँ बेहोश करती है शराब आहिस्ता आहिस्ता ----------वली याद करना हर घड़ी उस यार काहै वज़ीफ़ा मुझ द्लि-ए-बीमार का---------वलीहमारे आगे तेरा जब कसू ने नाम लियादिल-ए-सितमज़दा को हमने थाम थाम लिया-------मीर उलटी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम कियादेखा इस बीमारिए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया--------मीर मीर उन नीम बाज़ आँखों मेंसारी मस्ती शराब की सी है ----मीर तर दामनी पे शेख़ हमारी न जाइयोदामन निचोड़ दें तो फ़रिश्ते वज़ू करें ---------दर्द चारों तरफ़ से सूरत-ए-जानाँ हो जलवागर दिल साफ़ हो तेरा तो है आईनाख़ाना क्या------आतिश मेरी तरह से महो-मेह्र* भी हैं आवारा ------- * ( चाँद-सूरज)किसी हबीब की ये भी हैं जुस्तुजू करते-----आतिश मौत का एक दिन मोअय्यन*है----------*निर्धारित नींद क्यों रात भर नहीं आती --------ग़ालिब काबा किस मुँह से जाओगे ग़ालिब शर्म तुमको मगर नहीं आती-----------ग़ालिब तुम हमारे किसी तरह न हुएवरना दुनिया में क्या नहीं होता--------मोमिन तुम मेरे पास होते हो गोयाजब कोई दूसरा नहीं होता------मोमिन वो जो हममें तुममें क़रार था, तुम्हें याद हो के न याद हो वही यानी वादा निबाह का, तुम्हें याद हो के न याद हो --------मोमिन दाग़ को कौन देने वाला थाजो दिया ऎ ख़ुदा दिया तूने --------दाग़ जो गुज़रते हैं दाग़ पर सदमेआप बन्दा नवाज़ क्या जानें ---------दाग़