बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण, जानिए 10 बड़ी बातें...
नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5 साल के न्यूनतम स्तर 6.8 प्रतिशत रही थी।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि 2019-20 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बीते वित्त वर्ष में पूरे साल वृद्धि दर के निचले स्तर पर रहने के बाद यह अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार का संकेत है।
समीक्षा में 2018-19 में राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अंतरिम बजट में भी राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
आर्थिक समीक्षा की खास बातें-
1. केंद्र में स्थिर सरकार बनने के कारण अर्थव्यवस्था में तेजी को बल मिलने की संभावना है।
2. आर्थिक समीक्षा में छोटी कंपनियों के बजाए बड़ी कंपनी बनने की क्षमता रखने वाली नई कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए नीतियों को नई दिशा देने का आह्वान।
3. जनसंख्या प्रवृत्ति बुजुर्ग आबादी के लिए तैयारी की जरूरत का संकेत देती है, यह स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, चरणबद्ध तरीके से सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित करता है।
4. वित्त वर्ष 2019 में सामान्य वित्तीय घाटा 5.8% रहा, जो वित्त वर्ष 2018 में 6.4% था।
5. 2018-19 में खाद्यान्न उत्पादन 28.34 करोड़ टन रहने का अनुमान। कृषि, वानिकी और मत्स्यन में 2.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान। 2018-19 में राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान।
6. तेल कीमतों में 2019-20 में गिरावट का अनुमान।
7. वित्त वर्ष 2018-19 में आयात 15.4 प्रतिशत, जबकि निर्यात में 12.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान।
8. वित्त वर्ष 2019 में मंदी का कारण नॉन-बैंकिंग फाइनेंशल कंपनियों (एनबीएफसी) के नकदी संकट।
9. जनवरी-मार्च के बीच आर्थिक मंदी चुनावी गतिविधियों के कारण आई।
10. नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट्स (एनपीए) में गिरावट से कैपेक्स साइकल को गति मिलेगी।