Earthquake in Afghanistan: अफ़ग़ानिस्तान पहले से ही एक गम्भीर मानवीय संकट से जूझ रहा है और हाल ही में आए भूकम्प के बाद, परिस्थितियों के और बिगड़ने की आशंका है। विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने आगाह किया कि देश में खाद्य असुरक्षा व कुपोषण से पीड़ित लोगों की संख्या में उछाल आया है, मगर सहायता धनराशि की कमी की वजह से, उन तक राहत पहुँचाना कठिन साबित हो रहा है। इस बीच, यूनीसेफ़ ने भूकम्प प्रभावित दो लाख से अधिक बच्चों की सहायता के लिए, 2.2 करोड़ डॉलर की सहायता अपील जारी की है।
यूएन खाद्य एजेंसी ने कहा कि सहायता संगठनों के लिए धनराशि में कटौती की गई है, जिससे खाद्य व पोषण राहत पर भीषण असर हुआ है और कुपोषण मामले बढ़ रहे हैं। इसके अलावा, अफ़ग़ानिस्तान के पूर्वी हिस्से में आए भूकम्पों से उन परिवारों के लिए संकट गहरा गया है, जोकि पहले ही गुज़र बसर के लिए संघर्ष कर रहे थे।
अफ़ग़ानिस्तान में 31 अगस्त को रिक्टर पैमाने पर 6.0 की तीव्रता वाले भूकम्प से बड़े पैमाने पर बर्बादी हुई है, और उसके बाद भी अनेक झटके महसूस किए जा चुके हैं। इस आपदा में 2,200 से अधिक लोगों की जान गई है, साढ़े तीन हज़ार से अधिक घायल हुए हैं और हज़ारों घरों को नुक़सान पहुंचा है।
बड़ी संख्या में पीड़ित दूरदराज़ के इलाक़ों में हैं, जहाँ राहत टीमों के लिए पहुँच पाना कठिन है। सर्दी के मौसम से ठीक पहले उनके लिए जोखिम बढ़ रहा है। WFP की टीम कुनार प्रान्त में सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ों में ज़रूरतमंद परिवारों तक पौष्टिक बिस्किट व अन्य खाद्य सामग्री पहुंचाने में जुटी है और सामान के भंडारण की व्यवस्था भी की गई है।
हालांकि, विशाल आवश्यकताओं के बावजूद, यूएन एजेंसी को अपनी सहायता का स्तर घटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। देश में 90 लाख से अधिक खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे हैं, लेकिन मौजूदा संसाधनों से हर महीने केवल 10 लाख से भी कम लोगों तक ही राहत पहुँचाना सम्भव है। इसके मद्देनज़र, WFP ने नाज़ुक परिस्थितियों से जूझ रही आबादी के लिए जीवनरक्षक खाद्य सहायता सुनिश्चित करने के इरादे से 56 करोड़ डॉलर की अपील की है।
इस धनराशि से सर्दी के मौसम में उन्हें ज़रूरी राहत पहुंचाई जा सकेगी और अगले छह महीनों के दौरान अन्य महत्वपूर्ण समर्थन कार्यक्रमों को भी जारी रखा जा सकेगा।
भूकम्प पीड़ितों के लिए अपील : संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने भी बुधवार को 2.2 करोड़ डॉलर की अपील जारी की है ताकि भूकम्प से प्रभावित बच्चों व उनके परिवारों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। अफ़ग़ानिस्तान में यूनीसेफ़ के प्रतिनिधि डॉक्टर तजुदीन ओयवले ने बताया कि सीमित बुनियादी ढांचे, भौगोलिक रूप से अलग-थलग होने और रूढ़ीवादी मानदंड़ों की वजह से सहायताकर्मियों के लिए यह एक बेहद जटिल स्थिति है।
इसके बावजूद, यूनीसेफ़ अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर, पहले दिन से ही स्वास्थ्य देखभाल, सुरक्षित जल, नक़दी सहायता, मनोसामाजिक समर्थन व अन्य महत्वपूर्ण सामान की व्यवस्था करने के लिए प्रयासरत है। मगर, अभी और अधिक स्तर पर राहत अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। “हमारा अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह है कि इन समुदायों के साथ खड़े हों और कठोर सर्दी के आगमन से पहले बच्चों की रक्षा करने में हमारी मदद करें।”
यूनीसेफ़ ने अगले छह महीनों के लिए अपनी योजना तैयार की है, जिसके तहत 2.12 लाख बच्चों समेत चार लाख लोगों तक सहायता प्रदान की जाएगी, विशेष तौर पर चपाडरा, नुरगल और चॉके इलाक़ों में जहाँ सबसे अधिक नुक़सान हुआ है।
यूनीसेफ़ की अहम प्राथमिकताएं
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आपात स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की सुलभता बढ़ाना
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समुदायों की स्वच्छ जल तक पहुंच सुनिश्चित करना
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स्कूलों की मरम्मत होने तक अस्थाई शिक्षा प्रदान करना
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साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता में बेहतरी लाना
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कुपोषण से बचाव व उपचार की व्यवस्था करना
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ज़रूरतमन्द परिवारों को नक़दी सहायता मुहैया कराना
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बच्चों व उनके परिजन को मनोसामाजिक समर्थन प्रदान करना