मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. हरतालिका तीज
  4. hartalika teej 2021 muhurat
Written By

हरतालिका तीज के शुभ और श्रेष्ठ मुहूर्त, जानिए कैसे मनाएं शुभ पर्व

हरतालिका तीज के शुभ और श्रेष्ठ मुहूर्त, जानिए कैसे मनाएं शुभ पर्व - hartalika teej 2021 muhurat
हरतालिका तीज का त्योहार बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। आइए जानें तीज पूजन के शुभ मुहूर्त और कैसे मनाएं यह पर्व- 

हरतालिका तीज 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त
 
हरतालिका तीज तिथि प्रारंभ 09 सितंबर 2021, गुरुवार
 
प्रात: काल पूजा मुहूर्त-सुबह 06 बजकर 03 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक
 
प्रदोषकाल पूजा मुहूर्त - शाम 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक
 
तृतीया तिथि प्रारंभ - 09 सितंबर दिन गुरुवार की सुबह 02 बजकर 33 मिनट पर
 
तृतीया तिथि समाप्त - 09 सितम्बर की रात 12 बजकर 18 मिनट पर
 
हरतालिका तीज पर महिलाएं व्रत व पूजा करती हैं। हरतालिका तीज के दिन महिलाएं सुबह घर के काम और स्नान करने के बाद 16 श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा होती है। विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। इस खास त्योहार पर हरे वस्त्र, हरी चुनरी, हरा लहरिया, हरा श्रृंगार, मेहंदी, झूला झूलने का भी रिवाज है।
 
आइए जानें कैसे मनाएं शुभ पर्व- 
 
* तीज के दिन महिलाएं सुबह से रात तक व्रत रखती हैं। इस व्रत में पूजन रात भर किया जाता है। 
 
* इस उपलक्ष्य में बालू के भगवान शंकर व माता पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है।
 
* एक चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाई जाती है।
 
* प्रतिमा बनाते समय भगवान का स्मरण करते रहें और पूजा करते रहें। 
 
* हरतालिका तीज के दिन चूडियां, महौर, खोल, सिंदूर, बिछुआ, मेहंदी, सुहाग चूड़ा, कुमकुम, कंघी, आदि श्रृंगार की जरूरी सामग्री लेकर पार्वती जी का श्रृंगार करें।
 
* श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद, दूध और पंचामृत आदि से शिव परिवार का पूजन करें। 
 
* पूजन-पाठ के बाद सुहागिन महिलाएं रात भर भजन-कीर्तन करें।
 
* हर प्रहर को इनकी पूजा करते हुए बिल्व-पत्र, आम के पत्ते, चंपक के पत्ते एवं केवड़ा अर्पण करते रहे और आरती करें।
 
ये भी पढ़ें
कुंडली में शनि यदि इन भावों में होतो 4 तरह के दान और 16 तरह के कार्य नहीं करें, वर्ना पछताएंगे