धोखा या लापरवाही! अमेरिका ने तालिबान को सौंपी 'मददगारों' की सूची
वॉशिंगटन। अफगानिस्तान में अमेरिका के अधिकारियों ने तालिबान को उन अफगान नागरिकों को निशाना बनाने के लिए 'हत्या सूची' सौंप दी, जिन्होंने देश में अमेरिकी बलों की सहायता की थी। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई है।
पोलिटिको के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा कर लेने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने आतंकवादी समूह को अमेरिकी नागरिकों, ग्रीन कार्ड धारकों और अफगान सहयोगियों के नामों की सूची सौंप दी ताकि उन्हें काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास तालिबान नियंत्रित इलाके में प्रवेश की अनुमति दी जाए।
11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमले के बाद युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना और अन्य पश्चिमी बलों का सहयोग करने वाले अफगानों की तालिबान द्वारा बर्बरता से हत्या किए जाने के बावजूद यह निर्णय किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया कि तालिबान द्वारा देश पर कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान की राजधानी में मची अफरा-तफरी के बीच हजारों नागरिकों को बाहर निकालने के बीच यह कदम उठाया गया। हवाई अड्डे के बाहर बाइडन प्रशासन द्वारा सुरक्षा के लिए तालिबान पर भरोसे के कारण भी यह कदम उठाया गया।
काबुल पर तालिबान के कब्जा करने के बाद करीब एक लाख लोगों को देश से बाहर निकाला गया है, जिनमें से अधिकतर को तालिबान की कई जांच चौकियों से गुजरना पड़ा। लेकिन चुनिंदा नामों को तालिबान को मुहैया कराने से सांसद एवं सेना के अधिकारी क्षुब्ध हैं।
एक रक्षा अधिकारी ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, मूलत: वे उन सभी अफगानों को हत्या की सूची में रखना चाहते हैं। यह निराशाजनक एवं दुखदायी है।
रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि इस तरह की कोई सूची है, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया कि अमेरिका कभी-कभी तालिबान को ऐसे नामों की सूची देता है।