गुरुवार, 28 मार्च 2024
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कुशग्रहणी अमावस्या पर लगाएं इन पकवानों का भोग, मिलेगा देवी-देवताओं का आशीष

कुशग्रहणी अमावस्या पर लगाएं इन पकवानों का भोग, मिलेगा देवी-देवताओं का आशीष - pola amavasya bhog
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पौराणिक शास्त्रों में भाद्रपद अमावस्या के दिन धार्मिक कार्यों के निमित्त कुशा या घास इकट्ठी करने की मान्यता है। इसे भाद्रपद अमावस्या को पिठौरा, कुशोत्पाटनी, कुशग्रहणी अमावस्या, पोला पर्व आदि नामों से भी जाना जाता है।

इस दिन सुहागिनें संतान प्राप्ति एवं अपनी संतान के अच्छे जीवन की कामना से व्रत-उपवास रखकर भगवान भोलेनाथ और देवी दुर्गा का पूजन करती है। इस दिन देवताओं को जो भोग लगाया जाता है, उनमें पूजा के लिए विशेष तौर पर गुड़ के पारे, गुजिया, शकरपारे, मठरी, पूरन पोली, खीर आदि पकवान बनाकर देवी-देवताओं को उनका भोग लगाया जाता है।
 
यहां पढ़ें भाद्रपद अमावस्या के दिन भोग लगाए जानेवाली व्यंजन की आसान विधियां-
 
गुजिया
  
सामग्री : 250 ग्राम खोया, 250 ग्राम मैदा, 1/2 कटोरी घी (मोयन के लिए), 200 ग्राम पिसी चीनी, आधा कटोरी मेवा कतरन, 1/2 छोटा चम्मच इलायची पावडर, पाव कटोरी खोबरा बूरा, थोड़ी-सी चारोली एवं किशमिश, केसर के कुछ लच्छे, तलने के लिए घी, थोड़ा-सा दूध अथवा पानी एक कटोरी में अलग से। 
 
विधि : एक कड़ाही गरम करके धीमी आंच पर मावा गुलाबी होने तक भून लें। उसके बाद उसे ठंडा करके पिसी चीनी, मेवे की कतरन, खोबरा पूरा, इलायची पावडर, चारोली, किशमिश और केसर डालकर अच्छी तरह मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। अब मैदे में घी का मोयन डाल कर गूंथ लें। थोड़ी देर कपड़े से ढंककर रख दें। अब आटे की छोटी-छोटी लोई पूरी की तरह बेलने के बाद उसमें एक से डेढ़ छोटा चम्मच गुजिया का मिश्रण भरकर हाथ से हल्का दबा दें और चारों तरफ पानी या दूध की ऊंगली घूमाकर उसे बंद कर दें। गुजियों को गोठते समय ध्यान रखें कि वे खुलें नहीं। इन्हें थोड़ी देर कपड़े पर फैला दें। कड़ाही में घी गरम कर के गुजियों को गुलाबी होने तक तल लें। 

पूरन पोली
 
पूरन पोली सामग्री: 200 ग्राम चना दाल, 300 ग्राम आटा, 300 ग्राम शकर, 1/2 चम्मच पिसी हुई इलायची, 2 ग्राम जायफल, कुछेक केसर के लच्छे, शुद्ध घी। 
 
पूरन की तैयारी: सबसे पहले चने की दाल को अच्छी तरह से धोकर, दाल से डबल पानी लेकर प्रेशर कुकर में कम आंच पर 30 से 35 मिनट पकने दें। कुकर ठंडा होने के बाद चना दाल को स्टील की छन्नी में निकालकर उसका सारा पानी निकल दें। दाल ठंडी होने पर मिक्सी में पीस लें। अब पीसी हुई दाल के मिश्रण को एक कड़ाही में थोड़ा-सा घी डालकर सेंकें और शकर भी मिला दें। अब इस मिश्रण को कम आंच पर निरंतर चलाते हुए तब तक पकाएं, जब तक पूरन की गोली न बनने लगे। जब पूरन बन जाए तब आंच से उतार लें और ठंडा करें। ऊपर से जायफल, इलायची, केसर डालकर मिश्रण के आवश्यकतानुसार गोले बना लें। 
 
पूरन पोली बनाने के लिए: एक थाली में छना आटा लें। उसमें 1 बड़ा चम्मच शुद्ध घी का मोयन डालकर रोटी के आटे जैसा गूंथ लें। अब आटे की छोटी-छोटी लोइयां बनाकर पूरी जितना बेलें और 1-1 लोई में 1-1 पूरन का गोला रखकर आटा लगाकर मोटी रोटी की तरह बेल लें। अब तवा गरम करके धीमी आंच पर शुद्ध घी लगाकर पूरन पोली को दोनों तरफ गुलाबी सेंक लें। अब पूरन पोली पर ज्यादा मात्रा में घी लगाकर भगवान को नैवेद्य चढ़ाएं। इसके साथ कढ़ी या आमटी आप अपनी पसंद के अनुसार बना सकते हैं।  

शकरपारे
 
सामग्री : 500 ग्राम मैदा, 200 ग्राम रवा, 350 ग्राम शकर, घी (आधा कप गरम किया हुआ मोयन के लिए), चुटकी भर नमक, बेकिंग पावडर, तलने के लिए पर्याप्त घी। 
 
विधि : शकरपारे बनाने के लिए एक बर्तन में एक-दो घंटे पहले शकर को आधा गिलास पानी में गला दें ताकि शकर का पानी बन जाए। अब मैदा और रवा मिक्स करके घी का मोयन, चुटकी भर नमक, बेकिंग पावडर डालकर मिक्स कर लें तथा तैयार शकर के पानी से आटे को कड़ा गूंथ लें और थोड़ी देर कपड़े से ढंककर रख दें। 
 
अब मैदे की मोटी लोई बनाकर थाली या बड़े पटिए पर मोटी बेल लें। चाकू या सांचे की सहायता से मनचाहे आकार में शकरपारे काट लें और कपड़े पर फैला दें। सारे शकरपारे बन जाने के बाद एक कड़ाही में घी गरम करके शकरपारे को गुलाबी कुरकुरे होने तक तल लें, फिर पेपर पर डालकर अतिरिक्त तेल अलग कर दें। ठंडे होने के बाद कुरकुरे मीठे शकरपारे को डिब्बे में भर कर रख दें।

मालपुए
 
सामग्री : एक कप मैदा छना हुआ, एक कप दूध, एक चम्मच सौंफ, डेढ़ कप शकर, एक चम्मच नींबू रस, तलने और मोयन के लिए रिफाइंड तेल, डेकोरेशन के लिए पाव कटोरी मेवे की कतरन और इलायची पावडर एक चम्मच।
 
विधि : सबसे पहले मैदे में दो बड़े चम्मच तेल का मोयन डालें। तत्पश्चात दूध और सौंफ मिलाएं और घोल तैयार कर लें। एक मोटे पेंदे के अलग बर्तन में शकर, नींबू रस और तीन-चौथाई कप पानी डालकर चाशनी तैयार कर लें। अब एक कड़ाही में तेल गर्म करके एक बड़े चम्मच से घोल डालते जाएं और करारा फ्राय होने तक तल लें। फिर चाशनी में डुबोएं और एक अलग बर्तन में रखते जाएं। इसी तरह सभी मालपुए तैयार कर लें और ऊपर से मेवे की कतरन और पिसी इलायची बुरका कर लजीज मैदे के शाही मालपुए पेश करें।

खीर
 
सामग्री : 50 ग्राम मावा, 2 लीटर गाय का दूध, 2 मुट्ठी चावल, 1/2 कटोरी मेवा कतरन, 4 बड़े चम्मच शकर, 1/2 चम्मच पिसी इलायची, कुछेक लच्छे केसर या मीठा पीला रंग।
 
विधि : एक-दो घंटे पूर्व चावल धोकर पानी में गला दें। दूध को मोटे तले वाले बर्तन में लेकर गरम करके 10-15 उबाल लेकर पका लें। चावल का पूरा पानी निथार कर दूध में डाल दें। बीच-बीच में चलाती रहें। चावल पकने के बाद शकर डाल कर पूरी तरह शकर घुलने तक दूध को लगातार चलाती रहें। अब मावे को किस कर उसमें मिला दें। खीर अच्छी तरह गाढ़ी हो जाने पर कटा मेवा, इलायची डालें और केसर उबलती खीर में डाल दें। अगर रंग कम आ रहा हो तो चुटकी-भर मीठा पीला रंग घोलकर डाल दें। अब तैयार खीर कुछ देर उबालें और आंच बंद कर दें। तैयार खीर से भगवान को भोग लगाएं।