मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों में पिछले कुछ दिन से जारी तेजी पर शुक्रवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स लगभग 652 अंक का गोता लगाकर 60000 अंक से नीचे उतर गया। वहीं निफ्टी में भी 8 दिन से जारी तेजी पर अंकुश लगा और यह 198.05 अंक की बड़ी गिरावट के साथ 17,758.45 अंक पर बंद हुआ।
वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच मुनाफावसूली से बाजार नीचे आया। कारोबारियों के अनुसार, रुपए की विनिमय दर में गिरावट और विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी से धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में बढ़त के साथ खुला। लेकिन बाद में नुकसान में आ गया और अंत में 651.85 अंक यानी 1.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,646.15 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 823.43 अंक तक लुढ़क गया था। सेंसेक्स में पिछले पांच दिन से तेजी जारी थी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी आठ दिन से जारी तेजी पर अंकुश लगा और यह 198.05 अंक यानी 1.10 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 17,758.45 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में इंडसइंड बैंक सबसे ज्यादा 3.82 प्रतिशत के नुकसान में रहा। इसके अलावा बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक, मारुति, एनटीपीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और रिलायंस इंडस्ट्रीज भी नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ, केवल तीन शेयर लार्सन एंड टुब्रो, इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) 2.20 प्रतिशत तक लाभ में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, कमजोर वैश्विक रुख के बीच मुनाफावसूली से घरेलू शेयर बाजार पर असर पड़ा। ब्याज दरों में वृद्धि को लेकर चिंता का असर बाजार पर दिखा।
उन्होंने कहा, इसके अलावा, हाल में डॉलर सूचकांक में तेजी और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के शुद्ध बिकवाल होने से तेजी पर अंकुश लगा। बिकवाली चौतरफा रही। सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली कंपनियों के शेयरों में गिरावट से सूचकांक नीचे आया है।
अवकाश के कारण कम कारोबारी दिवस वाले सप्ताह में सेंसेक्स 183.37 अंक यानी 0.30 प्रतिशत जबकि निफ्टी 60.34 अंक यानी 0.34 प्रतिशत मजबूत हुआ। कोटक सिक्योरिटीज लि. के उप-उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अमोल अठावले ने कहा कि बैंक, वाहन और रियल्टी जैसे ब्याज दर से संबंधित शेयरों में काफी मुनाफावसूली देखने को मिली। इससे तेजी पर विराम लगा।
उन्होंने कहा, अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की बैठक के हाल में जारी ब्योरे से संकेत मिलता है कि फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) अगली बैठक में भी नीतिगत दर बढ़ाएगा। इससे निवेशकों ने हाल की तेजी के बाद बिकवाली की और तेजी पर अंकुश लगा।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और जापान का निक्की नुकसान में रहे जबकि हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में ज्यादातर में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट गुरुवार को बढ़त में रहा था।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 95.25 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक कई दिन के बाद शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने गुरुवार को 1,706 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे।(भाषा)