Last Modified: नई दिल्ली ,
शुक्रवार, 13 मई 2011 (17:07 IST)
पिंकी ने स्वर्ण पर मुक्का जड़ा
पिंकी जांगड़ा (51 किग्रा) अराफुरा खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय मुक्केबाज रहीं। ऑस्ट्रेलिया के डारविन में चल रहे इन खेलों में उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज’ की ट्राफी से भी नवाजा गया। साथ ही हमवतन दो मुक्केबाजों ने फाइनल में मिली हार से रजत पदक अपने नाम किया।
इक्कीस वर्षीय पिंकी ने न्यूजीलैंड की सियोना फर्नांडिज को 18-13 से परास्त किया। वहीं मीना (60 किग्रा) और पूजा (75 किग्रा) को फाइनल बाउट में अपने प्रतिद्वंद्वियों से मिली हार से रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
राष्ट्रीय खेलों की स्वर्ण पदकधारी शुरुआती राउंड में 4-5 से पिछड़ रही थी लेकिन दूसरे राउंड में उसने शानदार वापसी करते हुए 12-10 से बढ़त बना ली। तीसरे राउंड में उनका दबदबा जारी रहा।
टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने के लिए पिंकी को ‘सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज’ के खिताब से नवाजा गया।
वर्ष 2009 में सीनियर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में विश्व चैम्पियन एम सी मैरीकाम को हराकर घरेलू सर्किट में सुर्खियां बटोरने वाली पिंकी ने इस साल के शुरू में जमशेदपुर में हुए राष्ट्रीय खेलों में पूर्व विश्व चैम्पियन एल सरिता देवी को परास्त किया था। उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए शानदार अनुभव साबित हुआ और मैं अपने प्रदर्शन से काफी खुश हूं।'
मीना न्यूजीलैंड की एलेक्सिस प्रिचार्ड के सामने थी। मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन को बाउट के दौरान तीन बार चेतावनी दिए जाने के कारण अयोग्य करार कर दिया गया। वहीं पूजा ऑस्ट्रेलियाई प्रतिद्वंद्वी अरलीन ब्लेनकोवे के खिलाफ पहले दो राउंड में बढ़त के बावजूद हार गई। तीसरे राउंड में स्कोर 13-13 से बराबर था।
लेकिन ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज चौथे राउंड में बढ़त बनाने में सफल रही और 19-17 से जीत दर्ज करने में सफल रहीं। इससे पहले 2008 ओलिंपिक कांस्य पदकधारी विजेंदर सिंह (81 किग्रा) और ओलिंपियन अखिल कुमार (56 किग्रा) को इस टूर्नामेंट के पुरुष सेमीफाइनल में हार से कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। इस तरह भारतीयों ने एक स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य से अपना अभियान समाप्त किया। (भाषा)