हॉकी में ऑस्ट्रेलिया से हारा भारत
मेलबोर्न। रूपिंदर पाल सिंह के दो गोल भारतीय पुरुष हॉकी टीम के काम नहीं आ सके जिसे आज यहां चार देशों के आमंत्रण टूर्नामेंट के तनावपूर्ण शुरुआती मुकाबले में मेजबान ऑस्ट्रेलिया से 2-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा। शीर्ष रैंकिंग टीम के खिलाफ भारतीयों ने सकारात्मक शुरुआत की और पहले क्वार्टर में सकारात्मक ऊर्जा और इच्छा दिखाई, जिससे पहले 15 मिनट में कोई गोल नहीं हुआ।
अगर ऑस्ट्रेलियाई टीम की रक्षापंक्ति मजबूत नहीं होती तो भारत को युवा खिलाड़ी अफान यूसुफ के आक्रामक रवैए का फायदा मिल सकता था। हाल में मलेशिया में एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम ने मैच के दूसरे क्वार्टर में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए।
पहले दो मौके गंवाने वाले रूपिंदर ने तीसरी बार निराश नहीं किया और 21वें मिनट में अपनी ताकतवर और तेज तर्रार ड्रैगफ्लिक से आस्ट्रेलियाई गोलकीपर ट्रिस्टान क्लेमंस को छकाते हुए भारत को 1-0 से बढ़त दिला दी।
लेकिन यह बढ़त ज्यादा देर तक कायम नहीं रह सकी और जेरेमी हेवार्ड ने तीन मिनट बाद ही आस्ट्रेलिया के लिए बराबरी गोल दाग दिया। उन्होंने शानदार ड्रैगफ्लिक कौशल का नमूना पेश करते हुए भारतीय गोल के सामने डाइव लगाने वाले आकाश चिकते को पछाड़ते हुए गोल किया। मध्यांतर तक मैच 1-1 से बराबरी पर चल रहा था।
भारतीय टीम तीसरे क्वार्टर में और पिछड़ गई क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने दो और गोल दागकर 3-1 की बढ़त बना ली। हेवार्ड ने अपना दूसरा पेनल्टी कॉर्नर 36वें मिनट में दागा और फिर ट्रेंट मिटन ने 43वें मिनट में मुश्किल कोण से टीम के लिए तीसरा गोल किया।
हालांकि भारतीय टीम ने प्रयास जारी रखे और तलविंदर सिंह ने बेहतरीन जवाबी आक्रमण का रवैया अपनाकर खेमे का उत्साह बढ़ाया लेकिन ऑस्ट्रेलिया की रक्षात्मक पंक्ति ने उन्हें गोल से महरूम रखा। चिकते ने फिर डिलन वूदरस्पून के शाट का लाजवाब तरीके से बचाव किया और भारत को दौड़ में बनाए रखा।
रूपिंदर ने 53वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर भारत को मैच में वापस ला दिया, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को बराबरी गोल नहीं करने दिया और शानदार जीत दर्ज की। भारतीय टीम अब कल मलेशिया से भिड़ेगी। (भाषा)