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Last Updated : शुक्रवार, 31 अगस्त 2018 (18:46 IST)

एथलेटिक्स में इतिहास रचने वाली दुती चंद का अगला लक्ष्य ओलंपिक

एथलेटिक्स में इतिहास रचने वाली दुती चंद का अगला लक्ष्य ओलंपिक - Dutti Chand
नई दिल्ली। एशियाई खेलों में 100 और 200 मीटर में रजत पदक जीतकर इतिहास बनाने वाली ओडिशा की फर्राटा धाविका दुती चंद ने शुक्रवार को यहां कहा कि उनका अब एकमात्र लक्ष्य 2020 के टोकियो ओलंपिक में देश के लिए पदक हासिल करना है।
 
 
दुती जकार्ता से गुरुवार रात स्वदेश लौटीं और शुक्रवार को उनके राज्य ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज और कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी ने दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में उन्हें सम्मानित किया।

इन दोनों यूनिवर्सिटी के संस्थापक प्रोफेसर अच्युत सामंत ने इस अवसर पर बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दुती को दोनों रजत पदक जीतने के लिए डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपए के इनाम की घोषणा की है और साथ ही अगले ओलंपिक तक उनकी ट्रेनिंग का सारा खर्चा उठाने का वादा किया है।
 
फर्राटा एथलीट ने इस सम्मान से अभिभूत होते हुए कहा कि मुझे खुशी और गर्व है कि मैंने महान एथलीट पीटी उषा के बाद फर्राटा स्पर्धा में देश को पदक दिलाया है। मैंने खेलों में जाने से पहले वादा किया था कि मैं पदक जरूर हासिल करूंगी और मैंने इस वादे को पूरा कर लिया है। अब मेरा अगला लक्ष्य 2020 के ओलंपिक है।
 
जकार्ता में 11.32 सेकंड का समय लेकर 100 मीटर दौड़ में फोटो फिनिश में रजत जीतने वाली दुती ने कहा कि इस साल की हमारी सारी स्पर्धाएं समाप्त हो चुकी हैं। अब अगले साल एशियन चैंपियनशिप और सैफ गेम्स होने हैं लेकिन मेरा एकमात्र लक्ष्य अगले ओलंपिक हैं और अगले 2 साल मैं इसी लक्ष्य के साथ अपनी तैयारी करूंगी।
 
इस अवसर पर मौजूद दुती के कोच नागराज रमेश ने कहा कि एशियाई खेलों में एथलेटिक्स का स्तर बहुत ही ऊंचा है और इन खेलों में फर्राटा दौड़ में पदक जीतना बेहद मुश्किल काम है। रमेश ने कहा कि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पिछले 17 एशियाई खेलों में भारत ने फर्राटा दौड़ों में महिला वर्ग में मात्र 1 रजत और 2 कांस्य जीते थे जबकि दुती ने एक ही खेलों में 2 रजत जीत लिए। यह उसकी कड़ी मेहनत और कभी हार न मानने वाले जज्बे का परिणाम है।
 
एक माइक्रो सेकंड से स्वर्ण से चूकने वाली दुती को हालांकि इस बात का अफसोस रहा कि वे स्वर्ण हासिल नहीं कर सकीं। उन्होंने कहा कि दरअसल यह लंबाई का मामला था। स्वर्ण जीतने वाली एथलीट ने अपनी लंबाई का फायदा उठाते हुए बेहतर चेस्ट फिनिश किया जबकि मैं मामूली अंतर से चूक गई। मुझे इस बात पर अब मेहनत करनी होगी कि फोटो फिनिश में ऐसी नौबत दोबारा न आए।
 
दुती ने साथ ही लंबाई की समस्या को खारिज करते हुए कहा कि मेरे पास लंबाई नहीं तो क्या हुआ? भगवान की दया से मेरी स्प्रिंट बहुत तेज है इसलिए मुझे नहीं लगता कि लंबाई कोई समस्या है, फिर भी मैं इस मामले में आगे बेहतर करने की कोशिश करूंगी।
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