solar eclipse and planet position : सूर्यग्रहण पर 6 ग्रह वक्री, जानिए काम की बातें
21 जून को कई दशक बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब एक साथ छह ग्रह सूर्य ग्रहण पर वक्री होंगे। वक्री होने से इन ग्रहों की चाल उल्टी पड़ जाएगी जिसका सीधा असर मानव जीवन पर पड़ेगा।
ज्योतिष विद्वान इसे शुभ नहीं मान रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बीच ग्रहों की ऐसी चाल प्राकृतिक आपदा बढ़ा सकती है। अगस्त माह में महामारी के बढ़ने के भी संकेत बन रहे हैं।
शनि के राशि परिवर्तन से ऐसी आशंका जताई जा रही है। सितंबर माह में केतु के राशि परिवर्तन और गुरु के साथ शनि के मार्गी होने से हालात सामान्य हो जाएंगे। सितंबर के अंतिम सप्ताह से देश में हालात पूरी तरह से अनुकूल हो जाएगा और लोग हर तरह के संक्रमण से मुक्ति पा जाएंगे।
21 जून को मिथुन राशि में लगने वाला सूर्य ग्रहण शुभ नहीं है, क्योंकि कई ग्रहों की चाल इस दौरान उल्टी रहेगी। सूर्य ग्रहण पर धार्मिक अनुष्ठान और पूजा जप से राहत मिल सकती है। संबंधित ग्रहों के मंत्रों का जाप संकट से मुक्ति दिलाएगा।
ग्रहण काल का समय 21 जून को स्पर्श 10.13 मध्य 12.17 और मोक्ष 2.04 बजे दिन में है। सूर्य ग्रहण लगभग साढ़े तीन घंटे का होगा।
मिल रहे हैं शुभ संकेत भी
3 सितंबर 2020 को केतु राशि परिवर्तन करेंगे। वह धनु से वृश्चिक राशि में जाएंगे, जिसके कारण इस महामारी का कोई न कोई उपचार भी मिलने की संभावना है। 15 सितंबर को स्थिति और भी सुधर जाएगी। 28 सितंबर को स्थितियां पूरी तरह से नियंत्रित होंगी।
सावधान : मिथुन राशि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण अत्यंत ही संवेदनशील होगा। मंगल का जलीय राशि मीन में होना शुभ नहीं माना जाता है। सूर्य बुध, चंद्रमा और राहु पर मंगल की दृष्टि पड़ना अशुभ माना जाता है। इस ग्रहण में बड़े-बड़े प्राकृतिक आपदा के संकेत बन रहे हैं।
इसमें अतिवृष्टि चक्रवात तूफान महामारी आदि से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहेगा। चंद्र ग्रहण में 9 घंटे तथा सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पूर्व सूतक लग जाता है। इसमें देव प्रतिमाओं का दर्शन अशुभ माना जाता है।
राहु और केतु दोनों ही अशुभ ग्रह है जब ये सूर्य और चंद्रमा को ग्रास करते हैं इस दौरान सूर्य और चंद्रमा को पीड़ा पहुंचती है।
यह ग्रहण राहुग्रस्त है। मिथुन राशि में राहु सूर्य-चंद्रमा को पीड़ित कर रहा है। मंगल जल तत्व की राशि मीन में है और मिथुन राशि के ग्रहों पर दृष्टि डाल रहा है। इस दिन बुध, गुरु, शुक्र और शनि वक्री रहेंगे। राहु और केतु हमेशा वक्री ही रहते हैं। इन 6 ग्रहों की स्थिति के कारण ये सूर्य ग्रहण और भी खास हो गया है।