बिना मंत्र के भी शिव होते हैं प्रसन्न, जानिए कैसे
शिव पूजन में मंत्र का पाठ शुभ माना जाता है किन्तु इसका तात्पर्य यह कदापि नहीं है कि जो मंत्र नहीं जानता है वह पूजा नहीं कर सकता। बिना मंत्र पढ़े भी समस्त पूजन सामग्री भगवान को अर्पित की जा सकती है। केवल विश्वास एवं श्रद्धा होनी चाहिए।
क्योंकि भगवान भोलेनाथ ने स्वयं कहा है कि-
'न मे प्रियष्चतुर्वेदी मद्भभक्तः ष्वपचोऽपि यः।
तस्मै देयं ततो ग्राह्यं स च पूज्यो यथा ह्यहम्।
पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति।
तस्याहं न प्रणस्यामि स च मे न प्रणस्यति।'
अर्थात् जो भक्तिभाव से बिना किसी वेद मंत्र के उच्चारण किए मात्र पत्र, पुष्प, फल अथवा जल समर्पित करता है उसके लिए मैं अदृश्य नहीं होता हूं और वह भी मेरी दृष्टि से कभी ओझल नहीं होता है।