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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025 (14:19 IST)

शिव परिवार में कौन-कौन हैं शामिल, जानिए भगवान शिव का वंश वृक्ष

शिव परिवार में कौन-कौन हैं शामिल, जानिए भगवान शिव का वंश वृक्ष - lord shiva family
Lord Shiva family: भगवान शिव हिंदुओं की प्रमुख आराध्य देवता हैं। वे मनुष्य के साथ देवताओं राक्षसों, पशु पक्षियों, किन्नरों के भी आराध्य हैं। भगवान शिव का परिवार बहुत बड़ा है। आपने शिव परिवार में केवल भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय को देखा होगा, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव का परिवार बहुत बड़ा है। आइए वेबदुनिया हिंदी पर आज जानते हैं शिव परिवार में कौन कौन शामिल है।

कौन हैं शिव परिवार के सदस्य 
भगवान शिव के परिवार में उनकी पत्नी माता पार्वती, पुत्र गणेश और कार्तिकेय के अलावा पुत्री अशोक सुंदरी भी हैं। इनका वर्णन पद्म पुराण में भी मिलता है। पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार, माता पार्वती अपने एकाकीपन (अकेलेपन) को दूर करना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने कल्पवृक्ष से एक बेटी की मांग की। तब उस वृक्ष से अशोक सुंदरी की उत्पत्ति हुई। शिवलिंग में जिस स्थान से जल बहकर निकलता है, उस स्थान को अशोक सुंदरी का स्थान माना जाता है।
इसके अलावा गणेश जी की 2पत्नियां जिनके नाम ऋद्धि और सिद्धि हैं भी शिव परिवार का हिस्सा हैं। गणेश जी के दो पुत्र शुभ और लाभ हैं और तुष्टि एवं पुष्टि उनके पुत्रों की पत्नियां हैं। गणेश जी के पोतों के नाम आमोद और प्रमोद हैं। 

शिवजी देव और असुर दोनों के ही भगवान हैं। उनकी गणों की संज्ञा अनगिनत है। 

शिव पंचायक ये 5 देवता थे: 1. सूर्य, 2. गणपति, 3. देवी, 4. रुद्र और 5. विष्णु ये शिव पंचायत कहलाते हैं।

2. शिव पंचायत : पंचायत का फैसला अंतिम माना जाता है। देवताओं और दैत्यों के झगड़े आदि के बीच जब कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना होता था तो शिव की पंचायत का फैसला अंतिम होता था। शिव की पंचायत में 5 देवता शामिल थे।

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3. शिव पार्षद : जिस तरह जय और विजय विष्णु के पार्षद हैं ‍उसी तरह बाण, रावण, चंड, नंदी, भृंगी आदि ‍शिव के पार्षद हैं। यहां देखा गया है कि नंदी और भृंगी गण भी है, द्वारपाल भी है और पार्षद भी।

4. शिव के द्वारपाल : नंदी, स्कंद, रिटी, वृषभ, भृंगी, गणेश, उमा-महेश्वर और महाकाल।

5. शिव के गण : शिव के गणों में भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय प्रमुख हैं। इसके अलावा, पिशाच, दैत्य और नाग-नागिन, पशुओं को भी शिव का गण माना जाता है। शिवगण नंदी ने ही 'कामशास्त्र' की रचना की थी। 'कामशास्त्र' के आधार पर ही 'कामसूत्र' लिखा गया।
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