पांडु पहाड़ी पर गुफा मंदिर के भीतर स्थित शिवलिंग पर शिव के 12 मुख
बैराठ। राजस्थान प्रांत के जयपुर जिले में अरावली की पहाड़ियों में बैराठ नामक एक नगर है जिसे प्राचीनकाल में विराटनगर कहा जाता था। कहते हैं कि यहां पांचों पांडवों ने अपने अज्ञातवास का समय बिताया था। इस दौरान उन्होंने वहां एक शिवलिंग की स्थापना की थी। इस शिवलिंग की खासियत यह है कि इसके 12 मुख हैं।
पांडवों ने बैराठ नगर जाते समय फिरोजपुर झिरका के उत्तर पश्चिम में स्थित एक गुफा में कुछ समय व्यतीत किया था और यहां पवित्र शिवलिंग की स्थापना कर पूजा अर्चना की थी। लोगों का कहना है कि सन 1876 में तत्कालीन तहसीलदार जीवन लाल शर्मा को रात में सपना आया कि अरावली की पहाड़ियों में शिवलिंग विराजमान हैं। सपने में दिखे रास्ते का अनुसरण करते हुए तहसीलदार ने शिवलिंग खोज निकाला और वहां पूजा अर्चना शुरू कर दी।
दिल्ली से मात्र 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस मंदिर पर पहुंचने का रास्ता सुंदर मनोरम पहाड़ियों से होकर गुजरता है। एक तरफ अरावली पर्वत की श्रृंखलाओं की हरियाली तो दूसरी ओर पहाड़ियों के बीच से कल-कल कर बहता प्राकृतिक झरना मन को खुश कर देता है।
प्रोफेसर पवन कुमार सिंघ