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धर्म-संसार
व्रत-त्योहार
महाशिवरात्रि
Pooja Samagri
Written By
WD Feature Desk
Last Updated :
बुधवार, 6 मार्च 2024 (19:02 IST)
सम्बंधित जानकारी
पंचदेव पूजन
महाशिवरात्रि की व्रत-कथा
शिव के कुछ पर्यायवाची नाम
फलाहारी ढोकले
रात के भगवान शिव
पूजन सामग्री
धूप बत्ती (अगरबत्ती)
कपूर
केसर
चंदन
यज्ञोपवीत 5
कुंकु
चावल
अबीर
गुलाल, अभ्रक
हल्दी
आभूषण
नाड़ा
रुई
रोली, सिंदूर
सुपारी, पान के पत्ते
पुष्पमाला, कमलगट्टे
धनिया खड़ा
सप्तमृत्तिका
सप्तधान्य
कुशा व दूर्वा
पंच मेवा
गंगाजल
शहद (मधु)
शकर
घृत (शुद्ध घी)
दही
दूध
ऋतुफल
नैवेद्य या मिष्ठान्न
(पेड़ा, मालपुए इत्यादि)
इलायची (छोटी)
लौंग
मौली
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सिंहासन (चौकी, आसन)
पंच पल्लव
(बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते)
बिल्वपत्र
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औषधि (जटामॉसी, शिलाजीत आदि)
शिवलिंग
शुद्ध मिट्टी
गणेशजी की मूर्ति
शिवजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र
गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र
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जल कलश (तांबे या मिट्टी का)
सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
लाल कपड़ा (आधा मीटर)
पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार)
दीपक
बड़े दीपक के लिए तेल
ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा)
श्रीफल (नारियल)
धान्य (चावल, गेहूँ)
पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल)
एक नई थैली में हल्दी की गाँठ,
खड़ा धनिया व दूर्वा आदि
अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र
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महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर की पूजा का सही समय और पूजन विधि
Mahashivratri puja ki vidhi: फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार 26 फरवरी 2025 बुधवार के दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि की पूजा प्रदोषकाल और निशीथ काल सहित रात्रि के 4 प्रहर में होती है। शिवरात्रि में रात्रि का महत्व होता है। आओ जानते हैं कि क्या है 4 प्रहर पूजा का शुभ मुहूर्त।
शिव चालीसा पढ़ते समय ये गलतियां तो नहीं करते हैं आप?
Shiv Chalisa Path: कुछ शिवभक्त प्रतिदिन, कुछ सोमवार को, कुछ चतुर्दशी को और अधिकतर लोग शिवरात्रि या महाशिवरात्रि पर शिव चालीसा का पाठ करते हैं। शिव चालीसा का पाठ आप भी करते हैं जो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि कहीं आप पाठ करते समय ये 7 गलतियां तो नहीं कर रहे हैं? यदि करते हैं तो पाठ का फल आपको नहीं मिलेगा और हो सकता है कि इसका पाप भी लगे। तो चलिये जानते हैं कि कौनसी हैं वे 7 गलतियां।
मंगल ग्रह बदलेंगे चाल, क्या होगा देश दुनिया का हाल? किन 5 राशि वालों की चमकेगी किस्मत
ज्योतिष मतानुसार मंगल ग्रह को महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। मंगल ग्रह को देवताओं का सेनापति भी कहा जाता है। 7 दिसंबर 2024 को मंगल ने गोचर में कर्क राशि पर वक्री गति करना प्रारंभ किया था तथा 21 जनवरी को वक्री गति करते हुए मिथुन राशि में प्रवेश किया। वर्तमान समय में भी मंगल ग्रह वक्री गति कर रहे हैं परंतु 24 फरवरी 2025 को मंगल ग्रह अपनी चाल बदलेंगे तथा मिथुन राशि पर मार्गी गति करना प्रारंभ करेंगे जिसका प्रभाव देश दुनिया तथा पांच राशियों पर सकारात्मक पड़ेगा। मिथुन राशि पर 3 अप्रैल 2025 तक गोचर रहेंगे। इसके पश्चात पुन: कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, मंगल ग्रह के अपनी चाल बदलने के साथ ही 5 राशि वालों को धन लाभ तथा सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा।
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या है अंतर?
shivratri and mahashivratri : इस बार बुधवार, 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा और यह तिथि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ती है। एक पर्व शिवरात्रि और दूसरा महाशिवरात्रि, तो आइए जानते हैं इन दोनों यानि महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या अंतर होता है?
Mahashivratri 2025: कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत?
Mahashivratri In Hindi : महाशिवरात्रि का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक उत्तम मार्ग है। यह व्रत हमें भक्ति, त्याग और वैराग्य का संदेश देता है। इस व्रत को करने से हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। आइए जानते हैं इस दिन किस तरह के पूजन से भोलेनाथ होंगे प्रसन्न, जानें पूजा विधि...
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धर्म संसार
महाशिवरात्रि पर राशि के अनुसार करें इन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन, पाएं महादेव की विशेष कृपा
Mahashivratri 2025 Jyotirling Darshan according to zodiac sign : महाशिवरात्रि, हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक, भगवान शिव की आराधना का विशेष दिन है। इस अवसर पर, शिव भक्त उपवास, रात्रि जागरण और विशेष पूजा-अर्चना के माध्यम से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
शिव परिवार में कौन-कौन हैं शामिल, जानिए भगवान शिव का वंश वृक्ष
Lord Shiva family: भगवान शिव हिंदुओं की प्रमुख आराध्य देवता हैं। वे मनुष्य के साथ देवताओं राक्षसों, पशु पक्षियों, किन्नरों के भी आराध्य हैं। भगवान शिव का परिवार बहुत बड़ा है। आपने शिव परिवार में केवल भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय को देखा होगा, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव की एक बेटी भी है। उनके पार्षत और उनकी पंचायत भी है। आइए जानते हैं कि शिव परिवार और पंचायत में कौन कौन शामिल है।
क्या है भगवान शिव और गंगा का संबंध, जानिए गंगा की उत्पत्ति की प्रामाणिक कथा
गंगा नदी भारत की सबसे पवित्र नदी मानी जाती है। गंगा का उद्गम दक्षिणी हिमालय में तिब्बत सीमा के भारतीय हिस्से से होता है। गंगोत्री उत्तराखंड राज्य में स्थित गंगा का उद्गम स्थल है। सर्वप्रथम गंगा का अवतरण होने के कारण ही यह स्थान गंगोत्री कहलाया। किंतु वस्तुत: उनका उद्गम 18 मील और ऊपर श्रीमुख नामक पर्वत से है। वहां गोमुख के आकार का एक कुंड है जिसमें से गंगा की धारा फूटी है। 3,900 मीटर ऊंचा गौमुख गंगा का उद्गम स्थल है। इस गोमुख कुंड में पानी हिमालय के और भी ऊंचाई वाले स्थान से आता है।
Aaj Ka Rashifal: 21 फरवरी का दैनिक राशिफल, जानें आज किसे मिलेगा धनलाभ, (पढ़ें 12 राशियां)
Today 21 February 2025 horoscope in Hindi : आज 21 फरवरी 2025, शुक्रवार का दिन क्या लाया है मेष से लेकर मीन राशि के लिए, यहां जानें डेली होरोस्कोप के अनुसार वेबदुनिया पर सेहत, करियर, व्यापार, कारोबार, रिलेशन, रोमांस आदि के दैनिक राशिफल के बारे में एकदम सटीक जानकारी....
21 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन
21 February Happy Birthday: जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है वेबदुनिया की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 21 को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी...