सोमवार, 7 अक्टूबर 2024
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माया सभ्यता का क्या है भारत से संबंध, जानिए रहस्य

Mystery of Mayan Civilization | माया सभ्यता का क्या है भारत से संबंध, जानिए रहस्य
भारतीय संस्कृति व सभ्यता विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है। मध्यप्रदेश के भीमबेटका में पाए गए 25 हजार वर्ष पुराने शैलचित्र, नर्मदा घाटी में की गई खुदाई तथा मेहरगढ़ के अलावा कुछ अन्य नृवंशीय एवं पुरातत्वीय प्रमाणों से यह सिद्ध हो चुका है कि भारत की भूमि आदिमानव की प्राचीनतम कर्मभूमि रही है। यहीं से मानव ने अन्य जगहों पर बसाहट करने व वैदिक धर्म की नींव रखी थी।
 
 
माया सभ्यता : माया सभ्यता मैक्सिको की एक महत्वपूर्ण सभ्यता थी। इस सभ्यता की शुरुआत 1500 ईस्वी पूर्व से मानी जाती है। 250 ईस्वी से 900 ईस्वी के बीच माया सभ्यता अपने चरम पर थी। इस सभ्यता में खगोल शास्त्र, गणित और कालचक्र को काफी महत्व दिया जाता था। मैक्सिको इस सभ्यता का गढ़ था। आज भी यहां इस सभ्यता के अनुयायी रहते हैं। अमेरिका की प्राचीन माया सभ्यता ग्वाटेमाला, मैक्सिको, होंडुरास तथा यूकाटन प्रायद्वीप में स्थापित थी। यह एक कृषि पर आधारित सभ्यता थी। 
 
यूं तो इस इलाके में ईसा से 10 हजार साल पहले से बसावट शुरू होने के प्रमाण मिले हैं और 1800 साल ईसा पूर्व से प्रशांत महासागर के तटीय इलाक़ों में गांव भी बसने शुरू हो चुके थे। लेकिन कुछ पुरातत्ववेत्ताओं का मानना है कि ईसा से कोई एक हजार साल पहले माया सभ्यता के लोगों ने आनुष्ठानिक इमारतें बनाना शुरू कर दिया था और 600 साल ईसा पूर्व तक बहुत से परिसर बना लिए थे। सन् 250 से 900 के बीच विशाल स्तर पर भवन निर्माण कार्य हुआ, शहर बसे। उनकी सबसे उल्लेखनीय इमारतें पिरामिड हैं, जो उन्होंने धार्मिक केंद्रों में बनाईं लेकिन फिर सन् 
 
900 के बाद माया सभ्यता के इन नगरों का ह्रास होने लगा और नगर खाली हो गए।
 
माया सभ्यता का पंचांग 3114 ईसा पूर्व शुरू किया गया था। इस कैलेंडर में हर 394 वर्ष के बाद बाकतुन नाम के एक काल का अंत होता है। 21 दिसबंर, 2012 को उस कैलेंडर का 13वां बाकतुन खत्म हो जाएगा। हालांकि माया सभ्यता के बारे में कहा जाता है कि यह भी सिन्धु घाटी और मिस्र की सभ्यताओं की तरह सबसे रहस्यमयी सभ्यता है, जो अपने भीतर कई अनसुलझे रहस्य समेटे हुए है।
 
अमेरिकन इतिहासकार मानते हैं‍ कि भारतीय आर्यों ने ही अमेरिका महाद्वीप पर सबसे पहले बस्तियां बनाई थीं। अमेरिका के रेड इंडियन वहां के आदि निवासी माने जाते हैं और हिन्दू संस्कृति वहां पर आज से हजारों साल पहले पहुंच गई थी। माना जाता है कि यह बसाहट महाभारतकाल में हुई थी।
 
चिली, पेरू और बोलीविया में हिन्दू धर्म : अमेरिकन महाद्वीप के बोलीविया (वर्तमान में पेरू और चिली) में हिन्दुओं ने प्राचीनकाल में अपनी बस्तियां बनाईं और कृषि का भी विकास किया। यहां के प्राचीन मंदिरों के द्वार पर विरोचन, सूर्य द्वार, चन्द्र द्वार, नाग आदि सब कुछ हिन्दू धर्म समान हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक सेना ने नेटिव अमेरिकन की एक 45वीं मिलिट्री इन्फैंट्री डिवीजन का चिह्न एक पीले रंग का स्वास्तिक था। नाजियों की घटना के बाद इसे हटाकर उन्होंने गरूड़ का चिह्न अपनाया।
 
माया सभ्यता का जनक : मायासुर को दक्षिण अमेरिका की प्राचीन माया सभ्यता का जनक भी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो जानकारियां और विलक्षण प्रतिभा माया दानव के पास थी, वही माया सभ्यता के लोगों के पास भी थी। कहते हैं कि अमेरिका के प्रचीन खंडहर उसी के द्वारा निर्मित हैं। अमेरिका में शिव, गणेश, नरसिंह आदि देवताओं की मूर्तियां तथा शिलालेख आदि का पाया जाने इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि प्रचीनकाल में अमेरिका में भारतीय लोगों का निवास था। इसके बारे में विस्तार से वर्णन आपको भिक्षु चमनलाल द्वारा लिखित पुस्तक 'हिन्दू अमेरिका' में चित्रों सहित मिलेगा।