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Last Updated : बुधवार, 8 जनवरी 2020 (15:57 IST)

आभामंडल करें इन 3 तरीकों से ठीक, जीवन में मिलेगी हर तरफ से सफलता

Aura | आभामंडल करें इन 3 तरीकों से ठीक, जीवन में मिलेगी हर तरफ से सफलता
आभामंडल को अंग्रेजी में ओरा कहते हैं। देवी या देवताओं के चित्रों में पीछे जो गोलाकार प्रकाश दिखाई देता है उसे ही ओरा कहा जाता है। दरअसल ओरा यह हमारे शरीर के आसपास एक एनर्जी सर्कल होता है। विज्ञान की भाषा में इसे इलेक्ट्रॉनिक मैग्नेटिक फिल्ड कहते हैं। ओरा सजीव व्यक्तियों से लेकर निर्जीव व्यक्ति, वस्तुओं का भी हो सकता है। धरती का भी आभामंडल है। आपने चंद्रमा के आसपास प्रकाश देखा ही होगा। यही उसका आभामंडल है जो ध्यान से देखने पर दूर तक गोल दिखाई देता है।
 
 
कई रंगों का होता है ओरा : प्रत्येक व्यक्ति का ओरा अलग-अलग रंग का होता है जिससे उसके व्यक्तित्व, स्वभाव और उसकी जीवेषणा का पता चलता है। जैन धर्म में इसे लेश्या कहते हैं। जैनधर्मानुसार 6 तरह की लेश्याएं होती है। कृष्ण, नील एवं कपोत को अशुभ माना जाता है और तेज, पद्म एवं शुक्ल को शुभ माना जाता है। आमतौर पर आभामंडल बैंगनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल और सफेद रंग का होता है। ये सात रंग कभी एक जैसी स्थिति में नहीं होते।
 
 
नकारात्मक और सकारात्मक ओरा : जिन लोगों का ओरा अपने विचार और कर्मों के द्वारा नकारात्मक हो चला है उसके पास बैठने या उनसे मिलने की भी अच्छे आदमी की इच्छा नहीं होती है। हम खुद अनुभव करते हैं कि कुछ लोगों से मिलकर हमें आत्मिक शांति का अनुभव होता है तो कुछ से मिलकर उनसे जल्दी से छुटकारा पाने का दिल करता है, क्योंकि उनमें बहुत ज्यादा नकारात्मक ऊर्जा होती है। अक्सर अपराधियों और कुविचारों के लोगों का ओरा नकारात्मक अर्थात काला, धुंधला, गहरा नीले या कपोत रंग का होता है। बहुत ज्यादा गहरा लाल रंग भी नकारात्मक होता है।
 
 
इन तीन तरीकों से करें ओरा को ठीक
1. आग में तापना : आपने अक्सर देखा होगा कि अखाड़े के बाबा या नागा बाबा धूना लगाते हैं या धूनी लगाकर तापते हैं। इससे ओरा ठीक और शुद्ध होता है। यह आभामंडल को भौतिक रूप से ठीक करने की प्रक्रिया है। आप आग के सामने पीठ करके बैठें और बहुत थोड़े समय के लिए तापें। ऐसा कम से कम 43 दिन तक करें। आपने शायद यह कभी नहीं सोचा होगा कि हम किसी मूर्ति आदि की आरती क्यों उतारते हैं। दरअसल, आरती उतारने वाले को ही आरती का लाभ मिलता है।
 
 
2. पांच मिनट का ध्यान : प्रतिदिन उचित स्‍थान और वातावरण पर आसन लगाकर पांच मिनट के लिए ध्यान करें। ध्यान के वक्त किसी भी प्रकार के फालतू एवं नकारात्मक विचारों को त्यागकर आपको पूर्णत: शांत रहकर अपनी श्वासों के आवागमन पर ध्यान देना है। ऐसा आप कम से कम 43 दिनों तक करें। यदि आप ध्यान नहीं करना जानते हैं तो प्रार्थना करें।

 
3. घर का वास्तु सुधारें : यदि आपका घर नकारात्मक दिशा में है या घर में नकारात्मक वस्तुएं हैं तो इस समस्या को दूर करके घर का रंग-रोगन बदलें। घर में पीले, सफेद, नारंगी, गुलाबी और हल्के नीले रंग का उपयोग करें। इसी रंग के वस्त्र, परदे, चादर, तकिये आदि रखें। घर को पूर्णत: वास्तु अनुसार बनाएं और सजाएं।

 
यदि आपका आभामंडल सही है तो सबकुछ सही होगा। आपका भाग्य, आपके ग्रह-नक्षत्र और आपका भविष्य सभी सुधर जाएंगे। सही आभामंडल से सफलता आपके कदम चूमेगी। जीवन के हर क्षेत्र में वे ही लोग ज्यादा प्रगति करते हैं जिनका आभामंडल शुद्ध और सशक्त होता है।
 
 
 
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