वैज्ञानिकों ने सफेद बालों को फिर से प्राकृतिक रंग देने का तरीका ढूंढ निकालने का दावा किया है।
प्रोफेसर कैरिन स्कॉलरायटर और उनकी टीम ने पाया कि 'ऑक्सि़डेटिव स्ट्रेस' प्रक्रिया के कारण बाल सफेद होते हैं जिससे बालों को नुकसान होता है। वैज्ञानिक इसका इलाज ढूंढने का दावा कर रहे हैं।
दरअसल जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है बालों में हाइड्रोजन परऑक्साइड जमा होता जाता है। ये एक ब्लीच है जो बालों को उनके प्राकृतिक रंग से वंचित कर देता है।
फासेब जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिक जिस दवा का दावा कर रहे हैं वो इस ब्लीच को हटा देती है। हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि इससे बालों का सफेद होना रोका जा सकता है या नहीं।
शोध : शोधकर्ता टीम ने ब्रिटेन के ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय और जर्मनी के ग्रीफ्सवाल्ड विश्वविद्यालय में सफेद दाग की समस्या से ग्रसित मरीजों पर अपने इलाज को आजमाया।
प्राकृतिक पिगमेंट मेलेनिन की कमी के कारण त्वचा पर सफेद दाग उभरते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि उनकी दवा मॉडिफाइड स्यूडोकैटालेस के इस्तेमाल से मरीजों की त्वचा और पलकों का प्राकृतिक रंग लौट आया।
फासेब जर्नल के एडिटर इन चीफ गेराल्ड वीसमैन ने कहा, 'सफेद बालों को छिपाने से लिए पीढ़ियों से कई नुस्खों को आजमाया जा रहा है लेकिन पहली बार ऐसी दवा बनी है जो कि समस्या के जड़ तक पहुंचती है।'
उन्होंने कहा, 'ये उत्साहित करने वाली ख़बर है। इससे भी ज्यादा उत्साहजनक बात ये है कि ये दवा सफेद दाग में भी कारगर है। इस बीमारी के प्रभावी इलाज से कई लोगों के जीवन में खुशियां लाई जा सकेंगी।'