• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. रोमांस
  4. »
  5. इजहार-ए-इश्क
Written By WD

अगर है प्यार तो जरुरी है इजहार...

प्यार इकरार मुश्किल जाहिर जरूरी
NDND
किसी से प्यार हो जाना, या बेहतर ढंग से कहें कि किसी के प्यार में पड़ना जितना स्वाभाविक, सहज व सरल होता है, उतना ही कठिन होता है प्यार का इजहार करना। मन की सुकोमल भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करना, अपने प्रेमी या प्रेमिका के सामने मोहब्बत का इकरार करना शायद दुनिया के सबसे मुश्किल कामों में से एक है। लेकिन अगर किसी से प्यार है तो उसे जाहिर करना बेहद जरूरी है। ये वह मुट्ठी नहीं जो बंद हो तो लाख की और खुल गई तो फिर खाक की। प्यार में मामला इससे उलटा होता है। मुट्ठी बंद रखना यानी किसी के प्रति अपने प्यार को बस दिल ही दिल में छुपाए रखने का मतलब कभी न बुझने वाली आग में खुद को जलाते रहना है।

रूबरू होकर स्पष्ट शब्दों में प्यार को जताना कितना कठिन होता है, यह प्रेम करने वाले खूब जानते हैं। इसीलिए प्रेमी-प्रेमिका पत्र में अपने दिल का हाल सुनाते आए हैं और सुनाते रहेंगे। हालाँकि प्रेम-पत्र लिखने में भी कोई कम पसीना नहीं आता। गीतकार व शायर गुलजार ने खूब कहा है कि -

'प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है,
नए परिंदों को उड़ने में वक्त तो लगता है।'

लेकिन बुलंद हौसले की माँग करने वाली यह वह चीज है जिसे कर गुजरने में ही जीत हो सकती है। एक अन्य शायर का कहना है कि -
'सोचा है अब पार उतरेंगे या टकराकर डूब मरेंगे, तूफानों की जद पे सफीना कब तक आखिर, आखिर कब तक! प्यार किया तो डरना क्या!'

मगर इसके मायने ये नहीं हैं कि शारीरिक आकर्षण का शिकार होकर, जज्बात की रौ में बहकर या नए जमाने की हवा में उड़कर बगैर सोचे-समझे बस किसी से प्रेम-निवेदन कर दिया जाए।

पहले यह विश्वास पक्का हो जाना चाहिए कि हम आखिर चाहते क्या हैं, प्यार को प्रकट करने के पीछे हमारा मकसद क्या है। हम ठोस धरातल पर खड़े हैं या नहीं। हमारा प्यार क्या एकतरफा है या आग दोनों तरफ है बराबर लगी हुई। क्या हमारा प्यार परवान चढ़ सकता है। कहीं फिल्मी प्रेम कहानियाँ तो हमारा आदर्श नहीं। कहीं खुदगर्ज होकर हम सामने वाले को मजबूर तो नहीं कर रहे कि कहो ना प्यार है। नए जमाने में इंटरनेट पर चल रहा रोमांस तो जैसे युवाओं की बीच पनप रहा एक नया मर्ज है। गालिब ने तो कहा था कि-

'ये इश्क नहीं आसाँ, एक आग का दरिया है और डूब के जाना है।'
अलबत्ता कहा यह भी जाता है कि प्यार किया नहीं जाता, हो जाता है।

प्यार तो वह शै है जिसकी हस्ती सूरज-चाँद के रहने तक कभी मिट नहीं सकती। पत्थरों को तोड़कर भी प्यार के पौधों में फूल खिलते रहे हैं और खिलते रहेंगे। सबसे बड़ी जरूरत है प्यार में ईमानदारी की। हम सच्चा प्यार करें और उसे निभाएँ भी। हमारा भगवान, खुदा हमें अपने वादों पर खरा उतरने की शक्ति प्रदान करे, वेलेंटाइन डे पर समस्त प्रेमी-युगलों के लिए तहेदिल से यही सच्ची शुभकामना हो सकती है।