तेरा रूठना, मेरा मनाना कैसे भूल सकता हूँ मैं..। तेरी जुल्फों को सजाना कैसे भूल सकता हूँ मैं..।
मैं तो वही हूँ जहाँ पर मैं था, बस तेरा ही दूर जाना कैसे भूल सकता हूँ मैं...।
साथ तुम्हारा मैंने हर पल निभाया..। अफसोस तेरे दिल को वह ना भाया..। सच कहा कि प्यार करना गुनाह नहीं, लेकिन उसी प्यार से वफा को मिटाना कैसे भूल सकता हूँ मैं..।
भूल नहीं पाया तुम्हारे होंठों की हँसी को..। तुम ही भूल गई इन आँखों की नमी को..। हम चलते साथ-साथ प्यार की डगर पर रास्ता बदलकर तेरा आगे निकल जाना कैसे भूल सकता हूँ मैं..।