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Last Updated :रियो डि जेनेरो , शुक्रवार, 5 अगस्त 2016 (19:51 IST)

36 साल बाद इतिहास रचने को तैयार हॉकी टीमें

36 साल बाद इतिहास रचने को तैयार हॉकी टीमें - Rio Olympics 2016 Men's Hockey team
रियो डि जेनेरो। भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमें 36 साल बाद रियो ओलंपिक में एक नया इतिहास रचने के इरादे से उतरेंगी। पुरुष टीम ने आखिरी बार अपना ओलंपिक पदक 1980 में मॉस्को ओलंपिक में जीता था जबकि महिला टीम आखिरी बार ओलंपिक में मॉस्को में ही खेली थी।
पुरुष टीम के कोच रोलेंट ओल्टमैंस ने कहा कि हम अपने अभियान की शुरुआत जीत के साथ करना चाहते हैं और आगे के ग्रुप चरण मुकाबलों में भी इस लय को बरकरार रखना चाहते हैं। ओलंपिक जैसे बड़े टूर्नामेंट में हर एक टीम जीतने के इरादे से ही आती है, इसलिए हम किसी भी टीम को कमतर नहीं आंक रहे हैं।
 
ओल्टमैंस ने कहा कि ओलंपिक में हमें जीत से कम कुछ भी मंजूर नहीं है और मैं इस चुनौती को स्वीकार कर खुश हूं। टीम के खिलाड़ी प्रतिभाशाली हैं और इस प्रतिभा को मैदान पर प्रदर्शित कर पाना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगा। 
 
रियो में भारत का पहला सामना शनिवार को आयरलैंड की टीम से होगा। जून में स्पेन में हुए छ: देशों के टूर्नामेंट में आयरलैंड पर मिली जीत से भारत का हौसला बढ़ा हुआ होगा, वहीं टीम के कप्तान पी आर श्रीजेश ने कहा कि आयरलैंड के खिलाड़ियों ने यूरोपियन चैंपियनशिप में बेहतर खेल का प्रदर्शन किया था। 
 
उनके बारे में पहले से ही अनुमान लगा पाना मुश्किल है। मैदान मे गेंद पर उनकी पकड़ बहुत तेज है। यह मुकाबला आसान बिल्कुल भी नहीं होगा और हमें पूरा जोर लगाने की जरूरत है। मेरे ऊपर दोहरी जिम्मेदारी आ गई है। मैंने कभी इसकी उम्मीद नहीं की थी कि खेलों के इस महाकुंभ में मुझे टीम का नेतृत्व करने का मौका मिलेगा। मेरा उद्देश्य अपने देश के लिए पदक जीतकर 36 साल का सूखा समाप्त करना है।
 
श्रीजेश ने कहा कि मेरा पहला काम गोल बचाना है और दूसरा काम टीम को एकजुट होकर अच्छा खेलने के लिए प्रोत्साहित करना है। तीसरा काम एक गोलकीपर के रूप में टीम के अंदर आत्मविश्वास पैदा करना है। 
 
मुझे लगता है कि एक कप्तान ए तीनों काम कर सकता है और इससे मेरे ऊपर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं है। सभी खिलाड़ियों को बिना किसी दबाव के अपना स्वभाविक खेल खेलने की जरूरत है। भारत वर्ष 2000 में सिडनी में अर्जेंटीना को 3-0 से हराने के बाद से ओलंपिक का उद्घाटन मुकाबला नहीं जीत सका है। 
 
टीम को 2004 के एथेंस ओलंपिक और 2012 के लंदन ओलंपिक में हॉलैंड के खिलाफ क्रमश: 1-3 और 2-3 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। विश्व में पांचवीं रैंकिंग की टीम भारत का लक्ष्य जहां 36 वर्ष के बाद ओलंपिक पदक जीतने का होगा तो वहीं 1908 के बाद से पहली बार ओलंपिक में शिरकत कर रही आयरलैंड की टीम मुकाबला जीत वापसी को यादगार बनाने के इरादे से उतरेगी। 
 
भारतीय टीम की रणनीति आयरलैंड के मार्की खिलाड़ी मिश डार्लिंग के साथ ही गोलकीपर और कप्तान डेविड हार्टे पर ही प्रमुख रुप से केंद्रित होगी, वहीं दूसरी तरफ वर्ष 1980 के बाद से ओलंपिक में पहली बार हिस्सा ले रही भारतीय महिला टीम की पहली भिड़ंत रविवार को जापान से होगी। पिछले वर्ष विश्व हॉकी लीग में जापान को हार का स्वाद चखा चुकी भारतीय टीम अनुभवी डिफेंडर सुशीला चानू की अगुवाई में पूरे उत्साह के साथ मैदान में उतरेगी।
 
विश्व में 13वीं रैंकिंग वाली महिला टीम के कोच नील हॉवगुड ने कहा "टीम की खिलाड़ी अपने पहले ओलंपिक अभियान को लेकर उत्साहित हैं। अमेरिका में हुए टूर्नामेंट के मुकाबलों में प्रदर्शन अच्छा रहा था जहां हमने कुछ जीत भी दर्ज की। 
 
वहां से हासिल उत्साह का प्रदर्शन हम ओलंपिक में करने की पूरी कोशिश करेंगे, वहीं कप्तान सुशीला चानू ने कहा "यह हमारा पहला ओलंपिक है और हम अपने सर्वश्रेष्ठ खेल का प्रदर्शन करना चाहते हैं। जापान के खिलाफ हमने पहले भी बेहतर प्रदर्शन किया है और यहां भी सफलता हमारे ही हाथ लगेगी। कोच के साथ बैठकर तय की गई रणनीतियों के अनुसार ही प्रदर्शन करेंगे। (वार्ता)
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