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Last Updated : सोमवार, 15 अगस्त 2016 (01:17 IST)

रियो में दीपा करमाकर पदक चूकीं, चौथे स्थान पर

रियो में दीपा करमाकर  पदक चूकीं, चौथे स्थान पर - Rio Olympic 2016, Deepa Karmakar, Rio Olympic
रियो डि जिनेरियो। दीपा करमाकर आज यहां रियो ओलंपिक में महिला वाल्ट फाइनल्स में करीब से कांस्य पदक से चूक कर चौथे स्थान पर रहीं, लेकिन फिर भी इस भारतीय जिम्नास्ट ने इतिहास रच दिया। यह किसी भी भारतीय जिम्नास्ट का ओलंपिक इतिहास में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
23 वर्षीय दीपा ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट बनी थी। उन्होंने औसत 15.066 अंक जुटाए, जिससे वह स्विट्जरलैंड की कांस्य पदक विजेता गुईलिया स्टेनग्रुबर (15.216 अंक) से महज 0.15 अंक से चूक गई।

 
स्वर्ण पदक अमेरिका की प्रबल दावेदार ओलंपिक और तीन बार की वर्ल्ड चैम्पियन सिमोन बाइल्स (15.966 अंक) के नाम रहा। उन्होंने इस ओलंपिक में टीम स्पर्धा और ऑलराउंड में भी दो स्वर्ण जीते हैं।
 
मौजूदा वाल्ट विश्व चैम्पियन रूस की मारिया पासेका ने 15.253 के औसत अंक से रजत पदक जीता। दीपा ने क्वालीफाइंग राउंड में 14.850 अंक का स्कोर बनाया था। उसे और अंक मिल सकते थे, लेकिन वह जोखिम भरे ‘प्रोदुनोवा’ वाल्ट में लैंडिंग के वक्त लगभग बैठ ही गई थी।
 
वह फाइनल्स में छठी प्रतिस्पर्धी के रूप में आयी, त्रिपुरा की इस जिम्नास्ट ने पहले प्रयास में ‘सुकाहारा’ किया जिसमें उसने 14.866 अंक जुटाए । उसने एक्जीक्यूशन में 8.855 अंक हासिल किए। अपने ‘प्रोदुनोवा’ वाल्ट में दीपा ने सबकुछ सही किया लेकिन वह परफेक्ट लैंडिंग नहीं कर सकीं और उस वक्त वह जमीन पर लगभग बैठ ही गयी जिससे उसके अंक कट गए ।
 
प्रोदुनोवा से उसे 15.266 अंक मिले जिसमें सातवें स्तर की मुश्किल में 8.266 अंक एक्जीक्यूशन के लिए  मिले। दोनों प्रयासों के औसत से उसके 15.066 अंक रहे जिससे कांस्य पदक विजेता से वह 0.15 अंक से पिछड़ गई।
 
उनके कोच बिश्वेश्वर नंदी ने प्रोदुनोवा वाल्ट के बाद उसे गले से लगा लिया और दीपा ने कैमरे में खुद को ‘थम्स अप’ किया लेकिन ऐसा लग रहा था कि दोनों को पता चल गया था कि इस जोखिम भरे वाल्ट में यह परफेक्ट लैंडिंग नहीं थी।
 
दीपा फाइनल्स में प्रोदुनोवा करने वाली दूसरी प्रतिस्पर्धी थी, उज्बेकिस्तान की 2008 बीजिंग की वाल्ट रजत पदक विजेता ओकसाना चुसोवितिना ने ही प्रोदुनोवा वाल्ट किया। वह आठ महिलाओं के फाइनल्स में 14.833 अंक से सातवें स्थान पर रही थी।
 
दीपा ने अपने ही पहले ओलंपिक में वाल्ट फाइनल्स के लिए  क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया। पहली भारतीय महिला के अलावा वह ओलंपिक में 52 साल के बाद क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय है।
 
स्वंतत्रता के बाद 11 भारतीय पुरूष जिम्नास्टों ने ओलंपिक में (1952 में दो, 1956 में तीन और 1964 में तीन) भाग लिया है लेकिन भारतीय महिला के लिए  ओलंपिक में यही पहली बार था।