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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 4 जनवरी 2025 (22:09 IST)

क्या ए मेरे वतन के लोगों गाने के लिए लता जी ने कर दिया था इनकार: जानिए ऐतिहासिक गीत की कहानी, कवि प्रदीप की जुबानी

Story Behind E Mere Vatan Ke Logon: क्या ए मेरे वतन के लोगों गाने के लिए लता जी ने कर दिया था इनकार: जानिए ऐतिहासिक गीत की कहानी, कवि प्रदीप की जुबानी - Story Behind E Mere Vatan Ke Logon
Lata Mangeshkar and Kavi Pradeep

Story Behind E Mere Vatan Ke Logon: ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत को सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से भर जाता है। 27 जनवरी 1963 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में लता मंगेशकर ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत गाया था। इस गीत को सुनकर पूरा मैदान भावविभोर हो गया था। यहां तक कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आंखों में भी आंसू आ गए थे।

चीन से युद्ध की पीड़ा
1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था। इस युद्ध में भारत को हार का सामना करना पड़ा था। देश के सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए अपनी जानें गंवा दी थी। इस युद्ध ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। देशवासी शोक में डूबे हुए थे।

कवि प्रदीप की कलम से निकला एक भावुक गीत
इस दुखद घटना से प्रेरित होकर कवि प्रदीप ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत लिखा था। उन्होंने इस गीत के माध्यम से देश के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और देशवासियों को एकजुट होने का संदेश दिया।

गीत के बोल सिगरेट के पैकेट पर!
यह सुनकर हैरानी होगी कि कवि प्रदीप ने इस गीत के बोल सिगरेट के पैकेट के पीछे लिखे थे। उन्होंने कहा था कि जब भी वे उदास होते थे तो सिगरेट पीते थे और इसी दौरान उनके मन में यह गीत आया।

लता मंगेशकर का इनकार और फिर गायन
जब यह गीत लिखा गया तो इसे गाने के लिए सबसे पहले लता मंगेशकर को ही चुना गया था। लेकिन लता मंगेशकर ने पहले इस गीत को गाने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि उनके पास रिहर्सल के लिए पर्याप्त समय नहीं है। लेकिन बाद में उन्होंने यह गीत गाया और यह गीत इतना लोकप्रिय हो गया कि आज भी हर भारतीय का पसंदीदा गीत है।

27 जनवरी 1963: एक ऐतिहासिक दिन
27 जनवरी 1963 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में लता मंगेशकर ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत गाया था। इस गीत को सुनकर पूरा मैदान भावविभोर हो गया था। यहां तक कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आंखों में भी आंसू आ गए थे।

गीत का प्रभाव
•          देशभक्ति का संचार : इस गीत ने लोगों में देशभक्ति की भावना को जगाया।
•          शहीदों को श्रद्धांजलि : इस गीत के माध्यम से देश के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई।
•          राष्ट्रीय एकता: इस गीत ने देशवासियों को एकजुट किया।

'ऐ मेरे वतन के लोगों' एक ऐसा गीत है जो हमेशा लोगों के दिलों में रहेगा। यह गीत हमें याद दिलाता है कि हमारे देश के लिए कई लोगों ने बलिदान दिया है। हमें उनके बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए।