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Written By शम्भू नाथ

गणतंत्र दिवस पर कविता : स्वतंत्र भारत के सच्चे पहरेदार...

गणतंत्र दिवस पर कविता : स्वतंत्र भारत के सच्चे पहरेदार... - Poem
शम्भू नाथ 
 
हम स्वतंत्र भारत के,
सच्चे पहरेदार हैं।
परतंत्र मेरा काम है,
गणतंत्र के गुलाम हैं।

रुकते नहीं कभी हम,
थकते न पांव मेरे।
चढ़ाते हैं शिखा पे,
जहां कठिन घटा घनेरे।
 
दिया है जिसने चमन मुझे,
उनको मेरा सलाम है।
परतंत्र मेरा काम है,
गणतंत्र के गुलाम है।
 
सच का साथ देता,
संकट भी दूर रहता।
बढ़े चलो बढ़े चलो,
मन हमारा कहता।
 
सच्चाई के सिवा कोई,
दूजा नहीं लगाम।
परतंत्र मेरा काम है,
गणतंत्र के गुलाम है।
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