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Written By ND

प्राचीन शीतला मंदिर

शीतला मंदिर में भक्ति और शक्ति के रंग

Navratri 2010 | प्राचीन शीतला मंदिर
- एकता
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गुड़गाँव स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर देश के प्रमुख शक्तिपीठ में से एक है। इस मंदिर के पीछे मान्यता यह है कि यहाँ माँगी गई सभी मुरादें माँ शीतला पूरी करती है। मार्च-अप्रैल में यहाँ लगने वाले चैत मेले में माँ के दर्शन करने के लिए देश के विभिन्न भागों से लोग आते हैं।

श्रद्धालुओं की माता शीतला के प्रति इस कदर आस्था है कि वे मंदिर परिसर के बाहर दिन-रात चादर बिछाकर रहते हैं, वहीं खाना बनाते हैं। तेज गर्मी की मार, गंदगी और दूसरी कठनाईयाँ भी आस्था के सामने छोटी पड़ जाती हैं। हालाँकि पूरे नवरात्रि के दौरान यहाँ बहुत श्रद्धालु आते हैं और अष्टमी व नवमी के दिन भक्तों की संख्या कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है।

शीतला माता मंदिर के कार्यकारी अधिकारियों का कहना है कि सबसे ज्यादा भीड़ चैत मेले मे सोमवार और रविवार को होती है। इस दिन ढेड़ से दो लाख लोग यहाँ दर्शन करने आते हैं। इस मौके पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी न आए इसका प्रशासन की ओर से खास ध्यान रखा जाता है। साल में यहाँ दो बार मेला लगता है। चैत के अलावा सावन माह में भी यहाँ मेले लगते हैं।

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इस पवित्र स्थान पर लोग अपने बच्चों का मुंडन कराने भी दूर-दूर से आते हैं। जो लोग अपने बच्चों का मुंडन यहाँ आकर नहीं करा पाते वह भी बाद में यहाँ अपने बच्चों को माता के दर्शन कराने के लिए जरूर लेकर आते हैं। इसी तरह अपने बच्चों की शादी की मन्नत भी लोग यहाँ माँगते हैं।

देवी शीतला माता की आराधना करने से पूरे परिवार की एकता बनी रहती हैं। साथ ही माता रानी सभी मुरादें भी पूरी करती हैं। श्रद्धालुओं को माता शीतला के प्रति बड़ी आस्था है।