रामायण में उल्लेख है कि श्री राम को न चाहते हुए भी जान से प्यारे अपने अनुज लक्ष्मण को मृत्युदंड देना पड़ता है। आइए जानते हैं, आखिर क्यों भगवान राम को लक्ष्मण को मृत्युदंड देना पड़ा? ये घटना उस वक़्त की है जब श्री राम लंका विजय करके अयोध्या लौट आते हैं और अयोध्या के राजा बन जाते है। एक दिन यम देवता कोई महत्त्वपूर्ण चर्चा करने श्री राम के पास आते हैं। चर्चा प्रारम्भ करने से पूर्व वो भगवान राम से कहते हैं कि आप जो भी प्रतिज्ञा करते हो उसे पूर्ण करते हो। मैं भी आपसे एक वचन मांगता हूं कि जब तक मेरे और आपके बीच वार्तालाप चले तो हमारे बीच कोई नहीं आएगा और जो आएगा, उसको आपको मृत्युदंड देना पड़ेगा। भगवान राम, यम को वचन दे देते हैं। राम, लक्ष्मण को यह कहते हुए द्वारपाल नियुक्त कर देते हैं कि जब तक उनकी और यम की बात हो रही है वो किसी को भी अंदर न आने दें, अन्यथा उसे उन्हें मृत्युदंड देना पड़ेगा। लक्ष्मण भाई की आज्ञा मानकर द्वारपाल बनकर खड़े हो जाते हैं।