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गोमूत्र का क्या है महत्व, जानिए 10 बातें

गोमूत्र का क्या है महत्व, जानिए 10 बातें - gomutra ka mahtva n 10 baten
हिन्दू धर्म में जहां गाय पूजा या गौ पूजन का बहुत महत्व माना गया है, वही गाय के साथ-साथ उसका दूध, गौमूत्र तथा गोबर का भी बेहद महत्व माना जाता है। भारतभर में गायों की पूजा और प्रार्थना के लिए गोवत्स द्वादशी, गोपाष्टमी, गोवर्धन पूजा, बछ-बारस आदि गाय से संबंधित कई पर्व तथा त्योहार मनाए जाते हैं। 
 
पुराने जमाने में गोमूत्र का इतना अधिक महत्व था कि किसी भी तरह की कोई भी परेशानी होने पर पूरे घर में इसे छिड़क कर घर को शुद्ध किया जाता था। ग्रंथों के अनुसार गोमूत्र विभिन्न जड़ी-बूटियों से परिपूर्ण माना जाता है। आज गोमूत्र की उपयोगिता और बढ़ गई हैं, क्योंकि इससे कई प्रकार के घरेलू उपाय तथा मेडिसीन भी तैयार की जाती हैं, जो कई बीमारियों में लाभकारी मानी जाती है। 
 
आइए जानते हैं 10 खास बातें- 
 
1. गोमूत्र को विश्व की सर्वश्रेष्ठ औषधि के रूप में माना जाता है, तथा गोमूत्र अर्क को अमृत भी कहा जाता है।
 
2. आज गोमूत्र से कई प्रकार की दवाइयां तैयार हो रही हैं, जो कैंसर जैसी असाध्य बीमारी में भी लाभकारी साबित होगी। एक रिसर्च के अनुसार दुनिया भर में सबसे ज्यादा मौतें होने का एक बड़ा कारण कैंसर रोग है।
 
3. गोमूत्र का अर्क विश्व की सर्वश्रेष्ठ औषधि मानी जा रही है, जो कि भारतीय नस्ल की गायों के मूत्र में ही 104 प्रतिशत तक उपलब्ध है, जबकि विदेशी गायों के गोमूत्र में मात्र 16 प्रतिशत ही इसकी गुणवत्ता मानी जाती है। 
 
4. गोमूत्र अर्क को जीवाणु फफूंद (bacteria), विषाणु नाशक तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला माना जाता है।
 
5. गोमूत्र न केवल दवा के रूप में बल्कि सेहत के लिए लाभदायक ड्रिंक के रूप में भी कारगर है। 
 
6. बदलते मौसम में मौसमी बीमारियां जैसे कफ, बुखार आदि होने से पूर्व ही मात्र 10 से 20 एमएल मात्रा में गोमूत्र का सेवन करने से यह बीमारियां पास नहीं आती है। 
 
7. रोजाना गोमूत्र के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 
 
8. गोमूत्र से हर्बल दवाइयां भी बनाई जाती हैं, जो बुखार, पीलिया, पाइल्स और लीवर को ठीक करने में उपयोगी साबित होगी। 
 
9. गोमूत्र में होते हैं 388 औषधीय गुण पाए जाते हैं तथा गोमूत्र में स्वर्ण होने की बात प्राचीन ग्रंथों में भी कही गई है। 
 
10. गोमूत्र का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए काफी प्रभावी है। यह त्वचा एवं हृदय रोग, पेट का अल्सर, अस्थमा तथा लिवर रोग में भी किया जाता है।

 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 


 
 
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