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Written By WD

लक्ष्मी, संपत्ति व सुख प्राप्त करने हेतु

लक्ष्मी, संपत्ति व सुख प्राप्त करने हेतु -
हेतु- लक्ष्मी, संपत्ति व सुख प्राप्त होते हैं।

स्तोत्रस्रजं तव जिनेन्द्र! गुणैर्निबद्धां भक्त्या मया रुचिर-वर्ण-विचित्र-पुष्पाम्‌।
धत्ते जनो य इह कंठ-गतामजस्रं तं मानतुंगमवशा समुपैति लक्ष्मीः ॥ (48)

केवल परमात्मा-भक्ति में डूबकर मैंने स्तोत्ररूपी इस माला का गूँफन तरह-तरह के शब्द-सुमनों से किया है... जो भी व्यक्ति इस माला को अपने कंठ में धारण करेगा (प्रतिदिन सस्वर इस स्तोत्र का गान करेगा) वह अवश्यमेव मानतुंगमयी मोक्ष-श्री को प्राप्त करेगा।

ऋद्धि- ॐ ह्रीं अर्हं णमो सव्वसाहूणं ।

मंत्र- ॐ नमो भगवते महति महावीर वड्ढमाण बुद्धिरिसीणं ॐ ह्राँ ह्रीं ह्रूँ ह्रौं ह्रः असिआउसा झ्रौं झ्रौं स्वाहा ।