गजानन महाराज का प्रकटोत्सव
श्री गजानन महाराज दिगंबर वृत्ति के सिद्धकोटि के साधु थे। जहां जो भी मिले वह खाना, कहीं भी रहना, कहीं भी भ्रमण करना ऐसी उनकी दिनचर्या थी। वे हमेशा परोपकार में ही लगे रहते थे। वे अपने मुख से हमेशा प्रभु का भजन करते रहते थे। ऐसे ही महान संत श्री गजानन महाराज शेगांव वालों का समाधि मंदिर शेगांव में ही है।शेगांव महाराष्ट्र के प्रमुख तीर्थस्थानों में शामिल है। शेगांव स्थित गजानन महाराज के मंदिर में हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई देती है। सभी भक्तों के संकट दूर करके प्रभु दर्शन करवाने के सैकड़ों उदाहरण उनके चरित्र में हैं। इस बार श्री समर्थ गजानन महाराज का 135वां प्रकटोत्सव मनाया जाएगा।
श्री गजानन महाराज का मंदिर बीचों बीच स्थित है जिसके महाद्वार की खिड़की रातभर खुली रहती है। श्री का समाधि मंदिर भुयारे (गुफा) में है। इस मंदिर परिसर में वर्ष भर भजन व प्रवचन चलते रहते हैं। रोज सुबह पांच बजे से रात 9.30 बजे तक पूजा-अर्चना विधिवत चलती है। काकड़ आरती से शयन आरती तक के कार्यक्रम नियम से चलते हैं।श्री गजानन महाराज का प्रकट दिवस और उनकी पुण्यतिथि शेगांव के प्रमुख उत्सव हैं। यहां इन अवसरों पर रोशनी की जाती है। श्री का हाथी, घोड़ा, रथ, पालकी, दिंडी आदि के साथ जुलूस भी निकलता है।