divya jyoti jagrati sansthan
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में श्री कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक नृत्य नाटिकाओं ने दिल्लीवासियों का मन मोह लिया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी शामिल हुईं। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष भी इस कार्यक्रम में अथिति के रूप में शामिल हुए।
कई राजनीतिक, सामाजिक और मीडिया क्षेत्र के लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए। यह अद्भुत कार्यक्रम भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया था। इस आयोजन में जी20 से जुड़े कई पहलुओं का पारंपरिक और समकालीन दृष्टिकोण से समर्थन किया।
सच्चाई के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया: स्मृति ईरानी
इस अवसर पर बोलते हुए, स्मृति ईरानी ने कहा कि 'मैं दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान को आध्यात्मिक ज्ञान के क्षेत्र में उनके प्रयासों और योगदान के लिए बधाई देती हूं। यह उल्लेखनीय है कि डीजेजेएस ने आध्यात्मिकता के माध्यम से जेल के कैदियों को कैसे बदल दिया है। यह एक कठिन कार्य है, लेकिन डीजेजेएस ने इसे संभव बनाया है और उन्हें सच्चाई के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'आज, युवा आध्यात्मिक मार्ग पर चल रहे हैं। डीजेजेएस द्वारा देसी गायों के संरक्षण के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ऐसे प्रयास सराहनीय हैं।'
उन्होंने दिव्य गुरु आशुतोष महाराज जी के शिष्यों की भी सराहना की और उन्हें भगवान में विश्वास की मशाल को जीवित रखने वाले भक्त के रूप में माना। उन्होंने संस्थान को शुभकामनाएं दीं और आशा व्यक्त की कि बच्चों का पालन-पोषण आध्यात्मिक वातावरण में हो ताकि वे मातृभूमि की सेवा कर सकें और शांति के दूत बन सकें।
जी20 की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' से हुआ उद्घाटन
सैकड़ों पीताम्बरधारी वेद-पाठियों द्वारा 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना का आह्वान करते हुए 'शुक्ल यजुर्वेद रुद्राष्टाध्यायी' वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ इस कार्यक्रम का शंखनाद किया गया। जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए प्रार्थनापूर्ण शुभकामनाएँ देने और कार्यक्रम क्षेत्र को पवित्र तरंगों से स्पंदित करने का यह संस्थान का एक उल्लेखनीय प्रयास था।
हजारों दर्शकों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने का उद्देश्य
जी20 शिखर सम्मेलन के मुख्य एजेंडे 'लाइफ्स्टाइल फॉर एन्वायरमेंट (LiFE)' को नज़र में रखते हुए, हजारों दर्शकों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से एक विशेष सत्र, पर्यावरण संरक्षण को समर्पित किया गया। जलती मशालों के बीच, सभी दर्शक जीवनशैली में अपेक्षित बदलाव करने की प्रतिज्ञा लेने हेतु खड़े हुए। दर्शकों के इन जागृत उद्घोषों का दृश्य अत्यंत विहंगम एवं अद्भुत था। इस कार्यक्रम में पानी पीने के लिए पेपर कप, पुन: प्रयोग में लाए जाने वाले सूती बैग आदि विकल्पों का व्यापक रूप से उपयोग किया गया।
40 हजार से ज्यादा भक्तों की संख्या
संस्थान के सचिव, स्वामी नरेंद्रानंद जी ने बताया कि 'इस दो दिवसीय महा-आयोजन में कुल मिलाकर, लगभग 40,000 से 50,000 भक्तों की उपस्थिति देखी गई। कार्यक्रम के लिए विशिष्ट वातावरण बनाने हेतु डिजिटल स्टेज पर दिखाई जानी वाली प्रदर्शनियों को कला, संस्कृति, नक्काशी इत्यादि के बेहतरीन विवरण के साथ उच्चतम रिज़ॉल्यूशन में डिजाइन किया गया।'
नृत्य-नाटकों द्वारा जगतगुरु श्रीकृष्ण के जीवन को प्रदर्शित किया
संस्थान की प्रवक्ता, साध्वी तपेश्वरी भारती जी ने कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 'इस दो दिवसीय कार्यक्रम में 15 नृत्य-नाटकों द्वारा जगतगुरु श्रीकृष्ण के जीवन की प्रेरक गाथाओं को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण 'भगवान कृष्ण द्वारा अत्याचारी शासक कंस का वध, 16वीं शताब्दी के कृष्ण भक्त संत सूरदास द्वारा सुनाई गई राम कथा, चैतन्य महाप्रभु की जीवन गाथा, सामाज सुधारक मीरा बाई की भक्ति पर मनमोहक नृत्य नाटिका, भगवान कृष्ण का आनंदमय जन्मोत्सव आदि थे।