अब कंडोम पहले से ज्यादा मजबूत और पतले होंगे। कंडोम के निर्माण में अब ग्राफेन नामक पदार्थ का प्रयोग किया जाएगा। इस सुपर मटेरियल की खोज करने वालों को नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था।
खोजकर्ताओं का माना है कि ग्राफेन, जो कि मोटे कार्बन का सिंगल एटम है, के प्रयोग से कंडोम पहले से ज्यादा पतले, मजबूत और सुरक्षित होंगे।
टेलीग्राफ ऑनलाइन के मुताबिक, ग्राफेन की खोज 2004 में मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के सर एंड्रयू जिम और सर कॉस्ट्या नोवोसेलोव ने की थी। मौजूदा समय में इसका प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जा रहा है। खास तौर पर सौर ऊर्जा के नए पैनल्स के लिए।
जब होगा नैचुरल ऑर्गेज्म का अहसास... पढ़ें अगले पेज पर....
यूनिवर्सिटी मैनचेस्टर के मटेरियल्स वैज्ञानिक डॉ. अरविंद विजय राघवन को विश्वास है कि इसे कंडोम में प्रयोग किया जा सकता है और इसके प्रयोग से सेक्स का आनंद और भी बढ़ जाएगा।
इस कंडोम को इस तरह से बनाया जाएगा जिससे सेक्स के दौरान नैचुरल ऑर्गेज्म का अहसास होगा और कंडोम के चलन को बढ़ावा मिलेगा।
ग्राफेन को लचीले लैटेक्स के साथ मिलाया जाएगा, जिससे नया मटेरियल से बना कंडोम ज्यादा पतला, मजबूत, लचीला, सुरक्षित और सबसे बड़ी बात कि ज्यादा आनंददायक होगा। उम्मीद की जा रही है कि इसके प्रयोग से एड्स और अनचाहे गर्भ में कमी आएगी।