मोदी के वाराणसी में अधिकारियों पर क्यों भड़के योगी...
वाराणसी। वाराणसी के 2 दिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुक्त सभागार में करीब 4 घंटे तक विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा कर सभी अधिकारियों से उनके विभागों की जानकारी ली। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री लोक निर्माण, नगर निगम, जल निगम और जलकल से खासे नाराज थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने 2 दिनी प्रवास पर शनिवार दोपहर वाराणसी पहुंचे। इन विभागों के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वाले ये विभाग अभी भी पूरी रफ्तार से काम नहीं कर पा रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रोज कम से कम 45 मिनट पैदल गश्त करें। उन्होंने डॉयल 100 की सुविधा को प्रभावी बनाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि डॉयल 100 को वसूली गाड़ी न बनने दें। सुनिश्चित करें कि इन वाहनों की गश्त से अपराध कम हों।
भू-माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि किसी गरीब का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। जिसने भी भूमि पर गलत कब्जा कर निर्माण करवाया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी विश्वनाथ को केंद्र मानते हुए महामृत्युंजय महादेव, कालभैरव सहित नौ दुर्गा और नौ गौरी के मंदिरों का सर्किट के रूप में 'पावन पथ' बनाया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने पावन पथ के मार्गों को अतिक्रमण मुक्त कराकर, उनका सौन्दर्यीकरण कराने और वहां रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुख्यमंत्री ने कैंट थाना और दीनदयाल राजकीय अस्पताल का निरीक्षण किया।
कैंट थाने के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सभी विवादित जमीनों की 3 महीने में पैमाइश कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को लग रहा है कि पहले की अपेक्षा अपराध बढ़े हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। अपराध कम हुए हैं, परंतु सभी मामले दर्ज होने के कारण अपराध की संख्या ज्यादा दिख रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास समाज के हर व्यक्ति को न्याय दिलाने का है। हमारा प्रयास है कि कोई प्रताड़ित न हो। प्रत्येक व्यक्ति का विकास हो। (भाषा)