Maharashtra : उद्धव ने फडणवीस को बताया 'बेकार' गृहमंत्री, पूर्व CM का पलटवार- धैर्य की परीक्षा न लें
ठाणे। शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने पार्टी के प्रतिद्वंद्वी गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा अपने धड़े की एक महिला कार्यकर्ता पर कथित रूप से हमला किए जाने के बाद मंगलवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को 'बेकार' गृहमंत्री बताया और उनके इस्तीफे की मांग की। फडणवीस ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि ठाकरे 'कमजोर' मुख्यमंत्री थे जिन्होंने सत्ता की खातिर अपनी विचारधारा की बलि दे दी।
उन्होंने कहा कि उन्हें अहमियत दिए जाने की जरूरत नहीं है। ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि और बेटे आदित्य ठाकरे ने ठाणे में एक अस्पताल में घायल महिला से भेंट की। ठाणे, ठाकरे के प्रतिद्वंद्वी एकनाथ शिंदे का गढ़ है जिन्होंने पिछले साल जून में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिरा दिया था तथा भाजपा के साथ हाथ मिलाकर मुख्यमंत्री बन गए थे।
ठाकरे ने कहा कि महिला कार्यकर्ता गुहार लगाती रही कि उसका गर्भधारण संबंधी उपचार चल रहा है, उसके बाद भी उसके पेट पर लात-घूंसे मारे गए। महाराष्ट्र को एक 'बेकार' गृहमंत्री मिला है। एक असहाय और चाटुकार व्यक्ति यहां गृहमंत्री है। जब उनकी अपनी ही पार्टी के लोगों पर मिंधे (ठाकरे की पार्टी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए यह शब्द प्रयोग करती है) गुट द्वारा हमला किया गया तब वह कदम उठाने के लिए तैयार नहीं थे।
ठाकरे ने कहा कि क्या उन्हें (शिंदे को) मुख्यमंत्री कहा जाना चाहिए या गुंडा मंत्री कहा जाना चाहिए? मैं यह नहीं कह रहा हूं, लेकिन लोग फैसला करेंगे। जब वे अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करें तो उन्हें गुंडा विभाग का एक प्रभारी मंत्री रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं पर हमला करने वालों के खिलाफ कथित रूप से कार्रवाई नहीं करने को लेकर ठाणे के पुलिस आयुक्त को भी 'बेकार' करार दिया। ठाकरे ने कहा कि शिवसैनिक और आम लोग ठाणे से भाजपा-शिवसेना गठजोड़ को उखाड़ फेंकने में सक्षम हैं।
नागपुर में फडणवीस ने कहा कि ठाकरे एक 'कमजोर' मुख्यमंत्री थे, जो जेल भेजे गए अपने 2 मंत्रियों को इस्तीफा देने के लिए कह नहीं पाए। उनका इशारा अनिल देशमुख और नवाब मलिक की ओर था। दोनों राकांपा नेता हैं।
उन्होंने कहा कि मैं उसी भाषा में उन्हें (ठाकरे को) जवाब दे सकता हूं लेकिन मैं उस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करूंगा। उद्धव ठाकरे हताश हैं। वे ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन अपने निवास के बाहर कभी नहीं आए। उन्होंने घर से ही अपना सारा काम किया एवं वे लोगों के बीच नहीं गए। लोग इसके बारे में जानते हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता फडणवीस ने कहा कि ठाकरे इतने 'कमजोर' थे कि वे उन 2 मंत्रियों को इस्तीफा देने के लिए कह नहीं पाए जिन्हें जेल हुई थी, क्योंकि उन्हें अपना पद चले जाने का डर था। शिवसेना (अविभाजित), राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) बनाने के बाद नवंबर 2019 में ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे और यह सरकार जून 2022 में गिर गई थी।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta