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Last Modified: मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024 (11:04 IST)

11 दिन, 38 जिले, क्या है तेजस्वी यादव की जन विश्वास यात्रा में खास?

11 दिन, 38 जिले, क्या है तेजस्वी यादव की जन विश्वास यात्रा में खास? - tejashwi yadav jan vishwas yatra
Tejashwi Yadav news in hindi : राजद नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव मुजफ्‍फरनगर जिले से जन विश्वास यात्रा निकाल रहे हैं। 11 दिन तक चलने वाली इस यात्रा में तेजस्वी 38 जिलों को कवर करेंगे। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले हो रही इस यात्रा में राजद नेता 17 साल बनाम 17 माह की उपलब्धियां गिनाएंगे।
 
यात्रा पर निकलने से पहले तेजस्वी यादव ने पटना स्थित आवास पर भोलेनाथ और साईं मंदिर में पूजा कर ईश्वर से आशीर्वाद लिया। इसके बाद पिता लालू प्रसाद और माता राबड़ी देवी के चरण भी छुए।
 
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होने की वजह से सत्ता से बाहर हो चुके यादव अपनी इस यात्रा के जरिये राज्य की राजनीति में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहते हैं। उनका दावा है कि नीतीश कुमार के पास कोई विजन नहीं है, न ही गठबंधन से बाहर होने का कोई रीजन है।
 
अपनी इस यात्रा के क्रम में यादव पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचने से पहले सीतामढ़ी और शिवहर में दो और जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
 
सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर लाइव आकर एक संदेश में यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुराने जमाने का नेता हैं जो अपनी कुर्सी खुद ही छोड़ देंगे तो बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि कुमार के महागठबंधन से अलग होने के कारण पार्टी के सत्ता से बाहर होने से वह निराश नहीं हैं।
 
यादव ने आरोप लगाया कि बिहार को स्थिरता और दूरदर्शी नेतृत्व की जरूरत है। नीतीश कुमार के ढुलमुल रवैये और लीक से हटकर सोचने की असमर्थता यह दर्शाती है कि उनमें इन दोनों का अभाव है।
 
उन्होंने दावा किया कि फिर भी, 17 महीनों के अपने कार्यकाल के दौरान हमने उनसे राजद के 10 लाख सरकारी नौकरियां सृजित करने के संकल्प पर साहसिक निर्णय लेने को कहा। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी इसका अनुसरण करते हुए रोजगार मेलों का आयोजन पड़ा।
 
राजद नेता ने कहा कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के पतन को लेकर असहज हैं और ऐसी अफवाह है कि वह विधानसभा को जल्दी भंग करना चाहते हैं। उनका (नीतीश का) मानना है कि अगर राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ चुनाव होते हैं तो इससे उन्हें उनकी पार्टी को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।
 
बिहार विधानसभा का कार्यकाल 2025 के अंत में समाप्त हो रहा है। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में जद(यू) के केवल 45 सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस बात की चिंता नहीं है कि नीतीश कुमार क्या करने जा रहे हैं। लेकिन इस जन विश्वास यात्रा के माध्यम से हम बिहार के लोगों तक पहुंचना चाहते हैं और उन्हें आश्वस्त करना चाहते हैं कि चाहे कुछ भी हो, हम उनके साथ हैं। यादव की इस जन विश्वास यात्रा का समापन एक मार्च को होगा।
Edited by : Nrapendra Gupta 
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