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Last Updated : सोमवार, 26 अगस्त 2019 (00:39 IST)

श्री कृष्ण का व्यक्तित्व हमें कर्म करने की निर्णायक शक्ति प्रदान करता है : डॉ. भार्गव

श्री कृष्ण का व्यक्तित्व हमें कर्म करने की निर्णायक शक्ति प्रदान करता है : डॉ. भार्गव - Sri Krishna Janmashtami
रीवा। प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय रीवा में आयोजित श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के मुख्य अतिथि रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि श्रीकृष्ण का बहुआयामी व्यक्तित्व हमें जिंदगी की विपरीत और विषम परिस्थितियों में सकारात्मक सोच के साथ कर्म करने की निर्णायक शक्ति प्रदान करता है।
 
उन्होंने कहा कि भौतिक मूल्यों की चकाचौंध और नैतिक मूल्यों के संक्रमण के इस दौर में कर्मयोगी श्रीकृष्ण ने कुरूक्षेत्र के मैदान में मोहग्रस्त, किंकर्तव्यविमूण अर्जुन को अनासक्त भाव से कुशलतापूर्वक  कर्तव्य पथ पर कर्म करने का जो अमर संदेश दिया है वह मानव मात्र के कल्याण का पवित्र ग्रंथ है। 
 
डॉ. भार्गव ने कहा कि कृष्ण जब कंस का वध करते हैं, कालिया नाग का दमन करते हैं और पूतना का वध करते हैं तो उनके प्रति जनमानस में आस्था का सृजन होता है। जब वे कुरूक्षेत्र के मैदान में योगेश्वर के रूप में अर्जुंन को निष्काम कर्म का संदेश देते हैं तब उनके प्रति अपार श्रद्धा जन्म लेती है। लेकिन जब वे यशोदानन्दन के रूप में यमुना तीरे रास रचाते हैं तब उनके प्रति अनुराग भाव प्रस्फुटित होता है। कृष्ण का व्यक्तित्व हमारी संस्कृति के साथ-साथ हमारे मर्यादित संस्कारों को भी रचता है। 
 
कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार ने यह भी कहा कि अगर जीवन में गीता के महान संदेश को आत्मसात करना है तो धर्म को आचरण में उतारना होगा। रावण महान पंडित, महाज्ञानी और महान विद्वान था फिर भी भगवान राम ने उनका वध किया क्योंकि रावण ने धर्म को अपने आचरण में क्रियान्वित नहीं किया था।

इसलिए केवल विषय ज्ञान मायने नहीं रखता, जब तक कि ज्ञान आचरण में नहीं उतरे। इसलिए हमें अपने जीवन को गीता के अमर संदेशों से संस्कारित करना चाहिए। कृष्ण का समग्र दर्शन 5 हजार वर्ष पहले भी प्रासंगिक था, आज भी है और युगों-युगों तक प्रासंगिक बना रहेगा। 
 
इस आयोजन में मुरली मनोहर श्री कृष्ण के संपूर्ण क्रियाकलापों जैसे रासलीला, बालहठ, माखन चोरी आदि को बड़े ही मनोरम ढंग से प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही वृंदावन एवं गोकुल से जुड़ी हुई श्री कृष्ण की मनोरम घटनाओं की झलकियों को बहुत ही सुंदर सांस्कृतिक गीत-संगीत के माध्यम से बाल कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया।  
 
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में कमिश्नर डॉ. भार्गव की पत्नी आशा भार्गव, संचालिका प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बहन बी.के. निर्मला, आयुक्त नगर निगम सभाजीत यादव उपस्थित थे। 
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