अगस्त में बच्चे मरते ही हैं तो सरकार में अफरातफरी क्यों: सपा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में अगस्त में बच्चों के मरने के पेश किए गए सरकारी आकड़ों पर आपत्ति जताते हुए कटाक्ष किया है कि यदि 2017 के अगस्त में हुई मौते स्वाभाविक है तो सरकार में इतनी अफरातफरी क्यों है?
विधानसभा में नेता विपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्यमंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कल 2014 से 2017 के अगस्त में मेडिकल कालेज में बच्चों की मृत्यु का आंकड़ा पेश किया था। सिंह के आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2014 में 567, अगस्त 2015 में 668 और अगस्त 2016 में 587 मृत्यु हुई थी। इस वर्ष भी औसतन उतनी ही जाने गईं।
सपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इन आंकड़ों को बताकर सरकार क्या कहना चाहती है। उन्होंने सवाल किया कि यदि अगस्त में मौतें होती ही हैं तो इतनी अफरा-तफरी क्यों है? मुख्यमंत्री ने दो मंत्रियों को क्यों गोरखपुर भेजा? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्यों चिंतित हैं? उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल को क्यों गोरखपुर जाने को कहा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच कमेटी क्यों गठित की गई? प्रधानाचार्य को क्यों निलम्बित किया गया? यह सब इसीलिए हुआ कि मौतें स्वाभाविक या सामान्य परिस्थितियों में नहीं हुई थीं।
सपा प्रतिनिधिमंडल के साथ गोरखपुर से लौटकर चौधरी ने कहा कि एक तरफ पूरी सरकार कह रही है कि आक्सीजन की कमी से मरीजों की मृत्यु नहीं हुई है जबकि मृतक बच्चों के परिजनों का साफ कहना है कि मृत्यु का एक बडा कारण आक्सीजन की कमी थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सही तथ्यों को सामने नहीं लाना चाहती। केवल प्रधानाचार्य के निलंबन से काम नहीं चलेगा। इस मसले पर सरकार कटघरे में है। (वार्ता)