अजित पवार पर महाराष्ट्र में नहीं थमा बवाल, शिंदे गुट की भाजपा को धमकी
मुंबई। अजित पवार पर महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है। भले ही NCP प्रमुख शरद पवार और और अजित पवार ने साफ कर दिया हो कि यह NCP नेता भाजपा में नहीं जा रहा है लेकिन राज्य के नेता उन्हें शकभरी नजरों से ही देख रहे हैं। इस बीच शिव सेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि अगर अजित पवार NCP के नेताओं के समूह के साथ भाजपा के साथ हाथ मिलाते हैं तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिव सेना महाराष्ट्र में सरकार का हिस्सा नहीं रहेगी।
शिरसाट ने कहा कि उन्हें लगता है कि राकांपा प्रत्यक्ष रूप से भाजपा से हाथ नहीं मिलाएगी। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और भाजपा की गठबंधन सरकार है।
उन्होंने कहा कि हमारी रणनीति स्पष्ट है। राकांपा वह पार्टी है जो धोखा देती है। हम राकांपा के साथ मिलकर शासन नहीं करेंगे। अगर भाजपा, राकांपा के साथ जाती है तो महाराष्ट्र को यह पसंद नहीं आएगा। हमने उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना से बाहर होने का फैसला किया क्योंकि लोगों को हमारा कांग्रेस और राकांपा के साथ होना पसंद नहीं था।
शिवसेना शिंदे गुट के नेता ने कहा कि हमने कांग्रेस और राकांपा को छोड़ा, क्योंकि हम उनके साथ नहीं रहना चाहते थे। अजित पवार को वहां पूरी आजादी नहीं है। इसलिए अगर वह राकांपा को छोड़ते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे। अगर वे राकांपा के नेताओं के समूह के साथ आएंगे तो हम सरकार का हिस्सा नहीं रहेंगे। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के अलावा कांग्रेस और राकांपा महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का हिस्सा थे।
शिरसाट ने कहा कि अजित पवार अपने बेटे पार्थ पवार के चुनाव हारने की वजह से नाराज हैं। उनकी नाराजगी का उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका के मामले से कोई संबंध नहीं है। पार्थ पवार को 2019 लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के मावल निर्वाचन क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा था।
इस बीच राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भाजपा से पूछना चाहिए कि वह उन पर और उनकी शिव सेना पर इतना दबाव क्यों बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अजित दादा पवार द्वारा कल अपनी स्थिति स्पष्ट करने के बाद भी भाजपा अपने सूत्रों के माध्यम से मीडिया में खबरें फैला रही है। एकनाथ शिंदे और उनके समूह को भाजपा से पूछना चाहिए कि वे उन पर इतना दबाव क्यों बना रहे हैं? (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta