गौमाता को ठंड से बचाने के लिए कैदियों ने तैयार किया कोट, 'मन की बात' में प्रधानमंत्री ने की तारीफ...
कौशांबी। कहते हैं कि इंसान का कर्म ही समाज में उसकी जगह तय करता है।इसी बात को आत्मसात करके कौशांबी जेल में सजायफ्ता कैदी व अन्य कैदी अपने आप को सुधारने में जुटे हैं और इस जन्म के पाप धोकर साफ-सुथरी जिंदगी गुजारने की चाह लेकर गौमाता से प्रार्थना कर रहे हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने 'मन की बात' में कौशांबी जिला जेल के कैदियों के इस प्रयास की जमकर सराहना की है।
प्राचीन धर्मग्रंथों का हवाला देकर इन कैदियों ने जेल में रहकर गौ सेवा का संकल्प लिया है और और गौ सेवा के चलते गायों को सर्दी से बचाने के लिए जेल के अंदर ही रहकर गायों के लिए कोट तैयार कर रहे हैं जिसके चलते यह सभी कैदी पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बने हुए हैं और यही नहीं इनकी गौ सेवा के चर्चे अब दिल्ली तक में होने लगे हैं जिसकी जानकारी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने 'मन की बात' में कौशांबी जिला जेल के कैदियों के इस प्रयास की जमकर सराहना की है।
कौशांबी जिला जेल के कैदी अब अपनी आगे आने वाली जिंदगी को बदलने के लिए गौ सेवा में लगे हुए हैं और कैदियों की इस कवायद में जिला जेल प्रशासन भी पूरा सहयोग कर रहा है। प्रशासन कैदियों को गौ सेवा के लिए पुराने फटे-गले कंबलों की व्यवस्था कर रहा है और कैदी फटे तथा बेकार कंबलों को जूट के बैग या अन्य उत्पादों से सिलकर कोट बना रहे हैं।
इन फटे या बेकार कंबलों को कौशांबी तथा पास के जिलों से एकत्र किया जाता है। इसके बाद इनको सिलकर कोट बनाया जाता है।इन कोट को पास की गौशाला में भेजा जाता है।यहां पर एक हफ्ते में अनेकों कवर बनाए जाते हैं।
क्या बोले जेल अधीक्षक : जिला जेल अधीक्षक बीएस मुकुंद बताते हैं कि कैदियों के जीवन में बदलाव लाने की नियत से उनकी काउंसलिंग की और प्रेरणा के रूप में कैदियों ने पुराने और खराब हो चुके कंबले से एक ऐसा कोट तैयार किया।जिसका प्रयोग गौशाला में निराश्रित पशुओ को ठंड से बचाने के लिए किया जा रहा है।पहले चरण में गौशाला के आश्रय गृह में 100 गायों को कोट पहनाकर इसका शुभारंभ जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने शनिवार को किया था।