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Last Updated :रांची , बुधवार, 3 जनवरी 2018 (16:02 IST)

चारा घोटाले में सुनवाई टली, अब कल होगी लालू यादव को सजा...

चारा घोटाले में सुनवाई टली, अब कल होगी लालू यादव को सजा... - lalu yadav fodder scam
रांची। नौ सौ पचास करोड़ रुपए के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख 27 हजार रुपए की अवैध निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, आर के राणा, जगदीश शर्मा एवं तीन वरिष्ठ पूर्व आईएएस अधिकारियों समेत 16 दोषियों को सजा गुरुवार तक के लिए टल गई है।
 
अदालत की कार्यवाही प्रारंभ होते ही रांची बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अदालत को सूचित किया कि उनके सहयोगी बिंदेश्वरी प्रसाद का निधन हो गया है लिहाजा दोपहर बाद वकील अदालती कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे।
 
इस बीच लालू के अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने लालू एवं अन्य सभी 15 अभियुक्तों की अदालत में उपस्थिति के बीच लालू प्रसाद यादव की अधिक उम्र एवं स्वास्थ्य का हवाला देकर उन्हें कम से कम सजा दिए जाने का अनुरोध किया।
 
अदालत के बाहर चितरंजन प्रसाद ने मीडिया से कहा कि अदालत ने इस मामले में सजा के बिन्दु पर अब गुरुवार सुनवाई की बात कही है। अतः लालू यादव समेत सभी अभियुक्तों को वापस न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया।
 
अदालत ने इन सभी को 23 दिसंबर को इस मामले में दोषी करार देते हुए बिरसा मुंडा जेल भेज दिया था जबकि इसी मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत समेत छह लोगों को भारी राहत दी थी एवं निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया था।
 
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत को आज दिन में ग्यारह बजे चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिए गए सभी 16 लोगों की सजा के बिन्दु पर बहस सुनना था।
 
जिन आरोपियों को अदालत ने चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिया है उनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, आर के राणा, जगदीश शर्मा, तीन आइएएस अधिकारी तत्कालीन वित्त आयुक्त फूलचंद सिंह, पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव बेक जूलियस एवं एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी महेश प्रसाद भी शामिल हैं।
 
लालू प्रसाद यादव ने जेल जाने से पूर्व कहा था कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है और इस फैसले के खिलाफ वह उच्च न्यायालय जाएंगे जहां उन्हें अवश्य न्याय मिलेगा। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
 
सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के इस मामले में 23 दिसंबर को लालू प्रसाद यादव समेत तीन राजनीतिज्ञों, तीन आइएएस अधिकारियों के अलावा पशुपालन विभाग के तत्कालीन अधिकारी कृष्ण कुमार प्रसाद, मोबाइल पशुचिकित्साधिकारी सुबीर भट्टाचार्य एवं आठ चारा आपूर्तिकर्ताओं सुशील कुमार झा, सुनील कुमार सिन्हा, राजाराम जोशी, गोपीनाथ दास, संजय कुमार अग्रवाल, ज्योति कुमार झा, सुनील गांधी तथा त्रिपुरारी मोहन प्रसाद को अदालत ने दोषी करार देकर जेल भेज दिया था।
 
इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपए अवैध ढंग से निकासी करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में लालू यादव, जगदीश शर्मा, राणा, पूर्व मुख्यमंत्री डा .जगन्नाथ मिश्रा समेत इनमें से आज के मामले के अनेक आरोपियों को सजा हो चुकी है और वह उच्च न्यायालय से जमानत प्राप्त कर रिहा हुए हैं।
 
देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपए के फर्जीवाड़े के मामले से जुड़े इस मुकदमे में 23 दिसंबर को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, हार्दिक चंद्र चौधरी, सरस्वती चंद्र एवं साधना सिंह को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया था। जिसके बाद अनेक राजद नेताओं एवं कांग्रेस नेताओं ने अदालती फैसले पर सवाल उठाए थे। आज अदालत ने इस पर भी संज्ञान लिया। (भाषा)