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आखिर क्या हैं जयललिता से जुड़ी भूतिया कहानियां...

आखिर क्या हैं जयललिता से जुड़ी भूतिया कहानियां... - Jayalalitha, mysterious death
तमिल की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के निधन को एक साल हो गया। उनकी यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। उनके निधन के बाद उनसे जुड़ी अफवाहें अब भी उड़ती रहती है। कुछ लोगों का दावा है कि जयललिता की रहस्यमयी मौत के बाद भी ऐसी अनेक घटनाएं  हो रही हैं, जो रहस्यों को और अधिक गहरा करती जा रही हैं। जयललिता से जुड़े लोग मौत के बाद  उनकी समाधि के आसपास के डरावने माहौल को भूत-प्रेत की करतूतों से भी जोड़ने लगे हैं। एक के  बाद एक मौत...समाधि स्थल के पास हलचल होने के आभास...महज पांच महीने के भीतर 20 सुरक्षा  गार्डों को बदलना आदि कई ऐसी बातें हैं, जो भूत-प्रेत की कहानियों को जन्म दे रही हैं। आत्मा  अजर-अमर होती है और इसी कारण लोग बहुत डरे और सहमे हुए हैं। यहां तक कि खुद को  जयललिता का उत्तराधिकारी मानने वाली शशिकला का परिवार भी डर के मारे 90 करोड़ का  आलीशान बंगला छोड़ने जा रहा है..
 
  • जयललिता की मौत के बाद गार्ड की हत्या और हत्यारे दुर्घटना में मौत के मुंह में समाए
  • चेन्नई में जयललिता के समाधि स्थल पर पांच माह में 20 सुरक्षा गार्ड बदले गए
  • सुरक्षा गार्ड या बीमार पड़ जाते थे या फिर डर के मारे ड्‍यूटी बदलवा लेते थे 
  • सिरुथवूर में जयललिता के दूसरे बंगले में लगी अचानक आग 
  • जयललिता का 90 करोड़ का बंगला 'वेद निलयम' भी बना 'भुतहा हवेली'
  • 'वेद निलयम' से रात के सन्नाटे में आती हैं किसी के रोने की आवाज
  • शशिकला का परिवार भी 'वेद निलयम' से भयभीत, भतीजे ने छोड़ा आलीशान बंगला
पूरा देश जानता है कि जयललिता 75 दिनों तक चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती रहीं, लेकिन  असल में उन्हें हुआ क्या था, यह कोई नहीं जानता। अस्पताल मेडिकल बुलेटिन जारी करता और  लोग उस पर भरोसा कर लेते। अस्पताल में भर्ती होने के 75वें दिन सुबह 11 बजे तक यह कहा जा  रहा था कि वो ठीक हो गई हैं और शाम को स्वस्थ होकर घर लौट जाएंगी, लेकिन देर रात उनका  पार्थिव शरीर लौटा...
 
वसीयत चोरी होने की कोशिश : जयललिता की रहस्यमयी मौत के बाद कोडनाड एस्टेट वाले बंगले से उनकी वसीयत चोरी की कोशिश हुई। बंगले के बाहर सुरक्षा गार्ड ओम बहादुर की हत्या 23 अप्रैल 2017 को जयललिता के ड्राइवर  कनकराज और उसके दोस्त सायन उर्फ श्याम ने मिलकर कर डाली। पुलिस को बंगले के बाहर एक-दो खाली सूटकेस भी मिले थे। हैरत की बात यह रही कि पुलिस ने कनकराज को गिरफ्तार नहीं किया। 29 अप्रैल 2017 के दिन कनकराज की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई, जबकि उसका दोस्त सायन भी केरल के त्रिचुर में दुर्घटना का शिकार हो गया। सायन तो बच गया, लेकिन उसकी पत्नी और बच्चा इस दुनिया में नहीं रहे। 
 
सुरक्षा गार्डों में भी अजीब सा भय : इन दोनों घटनाओं के ठीक एक दिन पहले 28 अप्रैल को चेन्नई के करीब सिरुथवूर में जयललिता के  दूसरे बंगले में अचानक आग लग गई। यह आग कैसे लगी, इसका आज तक खुलासा नहीं हो सका  है। चेन्नई के ही मरीना बीच पर बनी जयललिता की समाधि पर भी हो रही अप्रत्याशित घटनाओं से सुरक्षा गार्डों में भी अजीब सा भय व्याप्त है। यहां पर जो भी गार्ड आता है वह ज्यादा दिनों तक नहीं  टिकता। जयललिता के समाधि स्थल पर पांच महीनों में 20 गार्ड बदले जा चुके हैं। जो भी यहां ड्‍यूटी देने  आता है वह या तो खुद बीमार पड़ जाता है या फिर भय के कारण अपनी ड्‍यूटी बदलवा देता है। गार्डों  को लगता है कि जयललिता की आत्मा यहीं पर भटक रही है...
 
90 करोड़ की लागत का आलीशान बंगला :  यूं देखा जाए तो जयललिता की निजी जिंदगी भी कोई कम रहस्यमय नहीं रही। किसी की हिम्मत  नहीं थी कि वह उनकी निजी जिंदगी में झांक सके। उन्होंने चेन्नई के पास 24 हजार स्क्वेयर फुट भूमि पर करीब 90 करोड़ की लागत से एक आलीशान बंगला बनवाया था, जिसमें तमाम ऐशोआराम की चीजें थीं। जयललिता ने इस बंगले का नाम 'वेद निलयम' रखा। 
 
जयललिता के बंगले में कोई रोता है रात को : जयललिता की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के वक्त तक साए की तरह साथ रहीं उनकी दोस्त शशिकला और उनके परिवार ने 'वेद निलयम' पर कब्जा कर लिया। यहां रहने वालों का कहना है कि  उन्हें रात में बंगले से अजीबो-गरीब तरह की आवाजें सुनाई देती हैं, मानो कोई रो रहा हो... आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में फिलहाल शशिकला तो जेल की सलाखों के पीछे हैं लेकिन जयललिता  के बंगले में रह रहा परिवार खौफजदा है। 
 
दिनाकरण ने चार दिनों तक सुनी रोने की आवाज : शशिकला के भतीजे दिनाकरण की मानें तो उसे लगातार चार दिनों तक रात को किसी के रोने की  आवाजें सुनाई देती रहीं। यही कारण है कि वह शांति से जिंदगी बिताने के लिए 90 करोड़ का यह  आलीशान बंगला छोड़कर जा चुका है। अन्य लोग भी बंगले को छोड़ने का मन बना चुके हैं। उनका कहना है कि वे जीते-जी जितना जयललिता से नहीं डरे, मरने के बाद उससे कहीं ज्यादा डर रहे हैं। 
 
राज की कई परतें खुलना बाकी : एआईएडीएमके के नेता ओ पन्नीरसेल्वम को जयललिता का खास माना जाता था और वे भी  अस्पताल में उनके करीब ही रहे। अब जबकि जयललिता की मौत पर सवालिया निशान लगने शुरु हुए हैं तो पन्नीरसेल्वम पूर्व मुख्यमंत्री की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए वे प्रधानमंत्री से भी मिलने का वक्त मांग रहे हैं। एआईएडीएमके से जुड़े लोगों का मानना है कि अम्मा (जयललिता) की मौत असहज है और जिस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं, उससे यह आभास होने लगा है कि कुछ न कुछ राज तो जरूर है, जिसकी परतें खुलना बाकी हैं।